लखनऊ. लोक निर्माण विभाग के निगमीकरण की सुगबुगाहट के विरोध में कर्मचारी अधिकारी महासंघ का आज मुख्यालय पर शुरू होने के कुछ घन्टे बाद ही समाप्त हो गया। विभागीय मंत्री एवं उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने विभागाध्यक्ष को बुलाकर इस मुद्दे पर सरकार की मंशा को स्पष्ट किया।
इधर धरना स्थल पर कर्मचारी अधिकारी महासंघ के पदाधिकारी गर्जना कर रहे थे तो उधर तेजी के साथ सरकार सक्रिय हुई और उन्होंने लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष इं. वी.के. सिंह को वार्ता के लिए आमंत्रित किया और आश्वासन दिया कि लोक निर्माण विभाग के निगमीकरण का फिलहाल कोई प्रस्ताव नही है अगर भविष्य में ऐसा किया गया तो पहले कर्मचारी अधिकारी संगठनो से मंत्रणा की जाएगी। इस पर मंच पर उपस्थिति कर्मचारी अधिकारी महासंघ के वाइस चेयरमेन इं. हरिकिशोर तिवारी के यह कहने पर कि बिना लिखित आश्वासन के हम आन्दोलन वापस नही ले सकते तो पुनः विभागाध्यक्ष इं. वी.के. सिंह ने कहा कि मै लिखित रूप से आश्वासन देने को तैयार हूं। इसके उपरान्त मंच पर बैठे कर्मचारी अधिकारी महासंघ के पदाधिकारियों ने संघर्ष समिति के चेयरमेन इं. एच.एन. पाण्डेय की अध्यक्षता में हुई मंत्रणा के उपरान्त फिलहाल आन्दोलन स्थगित करने का निर्णय लिया।
लोक निर्माण विभाग मुख्यालय पर आज निगमीकरण के विरोध में सुबह से ही हजारों कर्मचारी उपस्थित थे। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि सरकार यह बताए कि कौन सा निगम फायदे में है। ऐसे में लोक निर्माण विभाग का निगमीकरण कहा से उचित होगा। इसके उपरान्त जब विभागाध्यक्ष इं. वी.के. सिंह ने हर स्तर पर उपस्थित कर्मचारियों को समझाते हुए विभाग के निगमीकरण न होने तथा इसका लिखित आश्वासन देने का वायदा किया तब जाकर उत्तेजित और नाराज कर्मचारियों में कुछ राहत दिखाई पड़ी। विभागाध्यक्ष के सम्बोधन के उपरान्त इं. हरिकिशोर तिवारी ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर इस लिखित आश्वासन के बाद भी विभागीय कर्मचारियों एवं अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी या गुपचुप तरीके से निगमीकरण का प्रयास किया गया तो यह आन्दोलन पूरे प्रदेश में नजर आएगा और इसकी सीधे जिम्मेदारी सरकार की होगी। उन्होंने यह भी कहा कि अब अगर अगला आन्दोलन करना पड़ा तो इस मंच पर विभाागाध्यक्ष भी नजर आएगे। आज के विशाल धरना प्रदर्शन को इं. एच.एन.पाण्डेय मुख्य अभियंता (चेयरमैन संघर्ष समिति), इं.हरि किशोर तिवारी, त्रिलोक सिंह एवं रामराज दुबे (वाइस चेयरमैन), इं.वी.के. कुशवाहा (अध्यक्ष) भारत सिंह यादव (वरिष्ठ उपाध्यक्ष), पुनीत त्रिपाठी (महामंत्री), इं.सुरजीत सिंह निरंजन, इं.देवेन्द्र निगम, इं.दिवाकर राय, राम सुरेष, विजय गोपाल मिश्र, सुनील यादव, पुनीत सिंह, एस.पी. सिंह एवं रवि वर्मा (उपाध्यक्ष), रामफेर पाण्डेय (कोषाध्यक्ष), जय प्रकाष तिवारी, पंकज यादव, ज्योति पाण्डेय, यदुवीर सिंह, शत्रुघ्न नायक, हरिकेष प्रसाद एवं दामोदर (संयुक्त मंत्री), इं.मनोज श्रीवास्तव (मीडिया प्रभारी), इं. एन.डी.द्विवेदी (वाद सलाहकार) इसके अतिरिक्त अन्य सहयोगी और समर्थक संगठनों की तरफ से राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री श्री शिवबरन सिंह यादव,कमलेश मिश्रा अध्यक्ष राज्य कर्मचारी महासंघ,बजरंग बली यादव महामंत्री राज्य कर्मचारी महासंघ (अजय सिंह गुट) ने लोक निर्माण विभाग के निगमीकरण के प्रयास को गलत बताते हुए कहा कि अगर भविष्य में ऐसा कोई प्रयास किया गया तो कर्मचारी-अधिकारी कंघे से कंधा मिलाकर सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने तथा उग्र प्रदर्शन के लिए मजबूर होगे। कार्यक्रम के अंत में चेयरमेन संघर्ष समिति इं. एच.एन. पाण्डेय ने आन्दोलन के स्थगन की सूचना देते हुए अपने विभाग के कई जनपदों से आए कर्मचारियों एवं अधिकारियों को इस एकजुटता के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि एकता में ही शक्ति है हमें अपने उत्पीड़न एवं अधिकारों के हनन के खिलाफ हमेशा एकजुट होकर संघर्ष करना होगा।