
TMC ने शुरू से ही वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) का विरोध किया है। बुधवार को वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित हो गया। विधेयक पर चर्चा के दौरान टीएमसी के तीन सांसद उपस्थित नहीं रहे (Three TMC MPs Were Not Present)। इस बीच इन सांसदों की अनुपस्थिति पर टीएमसी सुप्रीमों (TMC Supremo) ने नाराजगी जताई है। माना जा रहा है कि पार्टी के अन्य नेताओं से चर्चा के बाद इन सांसदों के खिलाफ कार्रवाई (Action Will Taken Against Three TMC MPs) हो सकती है।
बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) शुरू से ही वक्फ संशोधन विधेयक का पुरजोर विरोध करते हुए इस मुद्दे पर केंद्र के खिलाफ मुखर रही है। इस बीच लोकसभा में बुधवार को वक्फ संशोधन विधेयक पर बहस और मतदान के वक्त तृणमूल कांग्रेस के तीन सांसद अनुपस्थित थे। तृणमूल सूत्रों के अनुसार पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का एक वर्ग इसको लेकर नाराज है। पार्टी इनकी अनुपस्थिति पर तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी से चर्चा के बाद इन तीनों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। पार्टी सूत्रों ने इसके संकेत दिए हैं।
टीएमसी के ये सांसद रहे अनुपस्थित
अनुपस्थित रहने वाले सदस्यों में घाटल के सांसद व अभिनेता दीपक अधिकारी उर्फ देव, बीरभूम की सांसद और अभिनेत्री शताब्दी राय और कूचबिहार के सांसद जगदीश चंद्र बसुनिया शामिल हैं। इनमें बसुनिया ने 2024 के लोकसभा चुनाव में कूचबिहार से पहली बार जीत दर्ज की थी।
लोकसभा में तृणमूल के मुख्य सचेतक कल्याण बनर्जी ने कहा कि ये तीनों सदस्य संसद में वक्फ पर बहस के दौरान मौजूद नहीं थे। तृणमूल सूत्रों के अनुसार इनमें से केवल देव ने ही संसदीय दल के सदस्य को बताया था कि वह शूटिंग के लिए झारखंड में हैं। इसलिए वह संसद में उपस्थित नहीं हो सकेंगे। बाकी दोनों सांसदों ने अपनी अनुपस्थिति को लेकर पार्टी को जानकारी नहीं दी थी।
इस संबंध में कूचबिहार के सांसद जगदीश चंद्र बसुनिया ने कहा कि अचानक एक अप्रैल को मुझे पता चला कि अगले दिन वक्फ विधेयक पेश किया जाएगा। मैं एक पारिवारिक समस्या में फंस गया था, इसलिए मैं नहीं जा सका। अगर मुझे थोड़ा पहले पता होता तो मैं निश्चित रूप से उस दिन संसद की कार्यवाही में शामिल हो जाता।
सासंदों के उपस्थित ना रहने से नाराज हैं सीएम ममता
इधर, अब पार्टी इन सांसदों के लिए क्या रास्ता अपनाती है, इस बारे में फिलहाल आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है। तृणमूल संसदीय दल के सूत्रों के अनुसार तीनों सांसदों के संबंध में पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी से चर्चा के बाद ही आगे का कदम उठाया जाएगा। ममता लोकसभा और राज्यसभा में तृणमूल संसदीय दल की अध्यक्ष हैं।