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नॉर्वे के आतंकी ने RSS को बताया प्रेरणा का स्रोत, कही ये बात

अमेरिका के ह्यूस्टन में प्रधानमंत्री मोदी के रैली का विरोध करने वाले पत्रकार ने ये दावा किया है कि नार्वे में जो आतंकी हमला हुआ था उसमे 17 लोग मारे गए थे उसको भारत के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से प्रेरणा मिली है। द टेलिग्राफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक हाउडी मोदी का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों में शामिल कैलिफोर्निया के पत्रकार पीटर फ्रेडरिक ने कहा था कि यदि वे भारतीय प्रधानमंत्री का स्वागत करते है तो वे उनके अपराध का भागीदार बन जाएंगे।

पीटर फ्रेडरिक ने दावा किया है कि नॉर्वे में आतंकवादी एंडर्स ब्रेविक ने एक घोषणा पत्र छोड़ा था जिसमें बताया गया था कि वे दुनिया भर के चरमपंथी और राष्ट्रवादी समूहों से किस प्रकार प्रेरित था। इसमें ब्रेविक ने भारत में आरएसएस की ओर इशारा किया था।

फ्रेडरिक ने कहा कि उसने आरएसएस के दक्षिणपंथी, हिंदू राष्ट्रवाद और हिंदू राष्ट्र बनाने के लक्ष्य की सराहना की थी। बताया जा रहा है कि आरएसएस का प्रभाव सड़को पर भी है और मुसलमानों के खिलाफ हिंसा और दंगा करते हैं।

अमेरिकी पत्रकार ने आगे कहा श्वेत वर्चस्ववादियों और आरएसएस का लक्ष्य एक समान है उन्हें एक-दूसरे से सीखना चाहिए और साथ देना चाहिए।

फ्रेडरिक ने आरएसएस पर निजी हमला किया है और इनका रिश्ता हिटलर तक से बताया। उनका कहना है कि ‘आरएसएस एक फासीवादी दस्ता है। जिसकी स्थापना 1925 में हुई थी। और उसी साल हिटलर ने भी अपनी किताब मीन कैम्फ को प्रकाशित किया था। आरएसएस इसी नाजियों से प्रेरणाा लेकर विकसित हुआ और इसी का नतीजा नरेंद्र मोदी हैं।’

अमेरिकी पत्रकार फ्रेड्रिक ने 2011 में लोन-वुल्क अतंकी हमले से पहले ब्रेविक के 1,518 पन्नों के घोषणापत्र का जिक्र किया। ‘2083: ए यूरोपियन डिक्लेरेशन ऑफ इंडिपेंडेंस नाम के घोषणा पत्र में ब्रेविक आरएसएस के बारे में कहता है। बात यह है कि भारतीय सरकार एक समाजवादी-वामपंथी उदारवादी है। दूसरा पक्ष राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन है।जिसका नेतृत्व आरएसएस की राजनीतिक शाखा बीजेपी करती है। ये लोग हिंदू दक्षिणपंथी राष्ट्रवाद से ताल्लुक रखते है। इनमें हिंदू पक्ष शामिल होते हैं, इनेक साथ पारसियों का भारी समर्थन है।’

17 सितंबर के विरोध के दौरान, फ्रेडरिक ने 2002 के गुजरात दंगों के लिए मोदी को दोषी ठहराया। फ्रेडरिक के मुताबिक ‘मोदी के हाथ खून से सने हैं। जो लोग स्वागत में हाथ मिलाते हैं, वे भी उनके अपराधो में शामिल होने के कलंक से छुटकारा नहीं पा सकते।’

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