लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 मसूद अहमद ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी युवाओं को रोजगार देते-देते रोजगार पटल से गायब हो गये। अब प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवाओं को दस लाख रोजगार देने का नया प्रलोभन दिया है। यदि इस बात की सच्चाई तलाशी जाय तो यह भी एक चुनावी स्लोगन की तरह से है। जब भारतीय जनता पार्टी उ0प्र0 के चुनाव में प्रेषित घोषणा पत्र का एक भी संकल्प पूरा नहीं कर सकी हो ऐसी स्थिति में यह स्लोगन भी नया रूप लेकर सामने है,जिसकी परीक्षा युवाओं को करनी है।
मुख्यमंत्री स्वयं की थपथपा रहे पीठ
प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 अहमद ने कहा कि विभिन्न निवेशकर्ताओं के बल पर प्रदेश के मुख्यमंत्री फूले नहीं समा रहे हैं। वास्तविकता यह है कि दूसरे की पूंजी पर खुद रोजगार देने का प्रलोभन देना शर्म की बात है। क्योंकि सरकार के सभी विभागों में लाखों पद रिक्त पड़े हैं जिनकी ओर सरकार का ध्यान नहीं जा रहा है। विभागों में संविदा कर्मचारियों के द्वारा उनकी पूर्ति करके सरकार प्रतिमाह करोडों रूपया बचा रही है और युवाओं के साथ धोखा कर रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के माध्यम से रोजगार के द्वार खोलकर स्वयं अपनी पीठ थपथपा रहे हैं जोकि शर्म की बात है।
पूंजीपतियों के चंगुल में फंसकर
डाॅ0 अहमद ने कहा कि एक ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने भारत को इतने वर्षो तक गुलाम बनाये रखा और उस गुलामी से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सुभाष चन्द्र बोस, सरदार पटेल, अषफाक उल्ला खां, रामप्रसाद बिस्मिल, शहीद भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद जैसे महान क्रान्तिकारियों ने मुक्ति दिलाई। आज इतनी अधिक बहुराष्ट्रीय कम्पनियां आने का तात्पर्य यह है कि हमारा प्रदेश और यहां के युवा केवल पूंजीपतियों के चंगुल में फंसकर रह जाएगा। जिसे भारतीय जनता पार्टी और योगी आदित्यनाथ अपनी बहुत बड़ी उपलब्धि बता रहे हैं असल में वह हमारे युवाओं को दोबारा गुलामी की ओर धकेल रहा है। वास्तविकता यह है कि सरकारी नौकरियों में नौजवानों की नियुक्ति न करना नौजवानों के साथ धोखा है।