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यूं ही नहीं शाहरुख खान को कहा जाता है बातों का बाजीगर

मुंबई। शाहरुख खान को बातों का बाजीगर यूं ही नहीं कहा जाता। हाल ही में किंग खान पर साहित्यिक चोरी का इल्जाम लगा, जिसको लेकर सोशल मीडिया में उनकी जमकर खिंचाई हुई, मगर सीनाजोरी दिखाने की बजाय उन्होंने उभरते हुए लेखक को उसकी पंक्तियों के लिए शुक्रिया अदा करके बाजी अपने नाम कर ली।

नई फिल्म जीरो का फर्स्ट लुक और टाइटल

किस्सा पहली जनवरी को शुरू हुआ, जब शाहरुख खान ने अपनी नई फिल्म जीरो का फर्स्ट लुक और टाइटल ट्विटर पर फैंस के साथ साझा किया। फर्स्ट लुक आते ही छा गया और देखते ही देखते इसे 3.2 करोज व्यूज मिल गए।

  • शाहरुख ने फैंस का शुक्रिया अदा करने में कोई देरी नहीं की और ट्विटर पर सबका धन्यवाद किया।
  • मगर, इस शानदार उपलब्धि को आलोचनाओं का ग्रहण तब लगा।
  • जब उन पर साहित्यिक चोरी का सनसनीखेज आरोप लगा।
  • जीरो में शाहरुख के बौने लुक को जितनी तारीफें मिलीं।
  • उतनी ही आलोचना इस चोरी करने के लिए भी की गयी।
  • शाहरुख खान ने फर्स्ट लुक के साथ अपने स्टेटस में कुछ पंक्तियां हिंदी में लिखीं।
  • ये लाइंस थीं- टिकटें लिए बैठें हैं लोग मेरी जिंदगी की, तमाशा भी पूरा होना चाहिए!
  • इन पंक्तियों को पढ़ने वाले वाह-वाह कर उठे, मगर सोशल मीडिया के दौर में चोरी पकड़ने में देर नहीं लगती।
  • इस ट्वीट के जवाब में कुछ फॉलोअर्स ने लिखा कि दरअसल ये पंक्तियां मिथिलेश बारिया नाम के लेखक की हैं।
  • जो ट्विटर पर भी मौजूद हैं। बस फिर क्या था, यूजर्स शाहरुख के पीछे पड़ गए ।
  • और असली लेखक को क्रेडिट ना देने के लिए उन्हें ट्रोल करने लगे।
  • शाहरुख एक-दो दिन तक खामोश रहे, मगर शनिवार 6 जनवरी को उन्होंने भूल सुधार किया।
  • लेखक की पुस्तक का फोटो शेयर करके उन्होंने संदेश लिखा कि उनकी किताब उन्हें बहुत अच्छी लगी।
  • साथ ही ये भी जता दिया कि वो इतना अच्छा लिखते हैं कि सोशल मीडिया में शेयर हो जाता है।
  • शाहरुख ने टिकट वाली पंक्तियों के लिए मिथिलेश का शुक्रिया भी अदा किया।

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