लखनऊ। बाढ़ पीडि़तों को संक्रामित बीमारियों से बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने बाढ़ ग्रस्त इलाकों में मेडिकल टीम की संख्या बढ़ा दी है। जो वहां पीडि़तों के इलाज के साथ उनको बीमारियों से बचाव के लिए जागरूक कर रही हैं। इसके अलावा नि:शुल्क दवाओं का वितरण भी किया जा रहा है। तीन दिन में 100 से अधिक मेडिकल टीमों का बढ़ाया गया है। साथ ही मुख्यमंत्री ने हर बाढ़ पीड़ित को बचाने और उनके भोजन-पानी की व्यवस्था के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया।
राहत आयुक्त के मुताबिक वर्तमान में नदियों के जलस्तर या तो स्थिर हैं, या फिर उसमे कमी हो रही है। ऐसे संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही बाढ़ ग्रसित क्षेत्रों में स्थितियां सामान्य हो जाएंगी। इसके बावजूद सरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों के बचाव और राहत का कार्य पहले से भी तेज कर दिया है। गौरतलब है कि सरकार ने 1178 मेडिकल टीमों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों के इलाज के लिए लगाया है। इन क्षेत्रों में 1134 बाढ़ शरणालय बनाए हैं जबकि 1327 बाढ़ चौकियां स्थापित की जा चुकी हैं।
- संक्रामक रोगों से बचने के लिए किया जा रहा जागरूक, वितरित हो रही दवाएं
- बाढ़ ग्रस्त इलाकों में लगाई 1178 मेडिकल टीमें
- 49101 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया
बचाव कार्य के लिए 6425 हजार साधारण नाव और 451 से अधिक मोटर बोट लगाई गई हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की मदद से 49101 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। बाढ़ शरणालयों में बाढ़ प्रभावित इलाकों से आए लोगों के रहने, खाने-पीने की उचित व्यवस्था की गई है।
सरकार बाढ़ प्रभावित लोगों को अब तक 246162 ड्राई राशन किट, 548128 लंच पैकेट के साथ 2231616.58 त्रिपाल(मीटर) भी वितरित कर चुकी है। 198628 पीने के पानी के पाउच, 215293 ओआरएस के पैकेट और 2486103 क्लोरीन के टैबलेट भी लोगों को बांटे गये हैं। इसके अलावा पशुओं को बचाने के लिए 1676 से अधिक पशु शिविर बनाए हैं। अब तक 803975 से अधिक पशुओं का टीकाकरण किया गया है। जिलो में बचाव व राहत कार्य के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी को एलर्ट मोड पर रखा गया है।