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पोषण पखवाड़ा : रंग लाई मेहनत, वज़न और आयु के आधार पर जाँच में 93 प्रतिशत बच्चे सामान्य श्रेणी में

पोषण पखवाड़ा में 2.41 लाख से अधिक बच्चों की हुई स्वास्थ्य जाँच

सुल्तानपुर। जिले में 21 मार्च से चार अप्रैल तक पोषण पखवाड़ा मनायागया था। इसमें बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग(आई.सी.डी.एस.) ने स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से पूरे जिले में बच्चों के स्वास्थ्य जांच की थी। जाँच में 93 प्रतिशत बच्चे स्वास्थ्य की सामान्य श्रेणी में पाए गए। प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी आर.के. राव ने बताया कि पोषण पखवाड़ा के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गई थी। जिले में संचालित सभी 14 बाल विकास परियोजना के अंतर्गत 2511आंगनबाड़ी केन्द्रों पर शून्य से छह वर्ष तक के करीब 2.53 लाख बच्चे आते हैं। पखवाड़े के दौरान वज़न और आयु के आधार पर करीब 2.41 लाख बच्चों की जांच की गई, इसमें 93 प्रतिशत (2.25 लाख) बच्चे सामान्य श्रेणी में पाये गए। इनमें 4.9 प्रतिशत (11863) बच्चे मध्यम कुपोषित और 1.5 प्रतिशत (3641) बच्चे गंभीर कुपोषित श्रेणी में पाये गए।

आर.के. राव ने कहा कि कार्यक्रम के अंतर्गत सभी आंगनबाड़ी, सहायिका, सुपरवाइजर और परियोजना अधिकारियों की मेहनत रंग ला रही है। मुख्य रूप से आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता बधाई की पात्र हैं। उन्होंने बताया कि पखवाड़े के दौरान विभिन्न स्थानों पर स्वास्थ्य कैंप का आयोजन भी किया गया था, जहाँ बच्चों और गर्भवती की जांच भी की गई थी। पोषण पखवाड़े के दौरान चिन्हित सभी गंभीर और अति गंभीर कुपोषित बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संदर्भित किया गया है।

चिकित्सक यदि किसी बच्चे की स्थिति के आधार पर संदर्भन के लिए कहते हैं तो बच्चे को पोषण पुनर्वास केंद्र भेजा जायेगा । सभी बच्चों और गर्भवती व धात्री महिलाओं को पोषाहार भी वितरित किया जा रहा है। जिले में लगभग 2.32 लाख – 6 माह से लेकर 6 साल तक के बच्चे और गर्भवती व धात्री महिलायें हैं। माह अक्टूबर से दिसंबर 2021 तक सभी को 524 मिट्रिक टन फोर्टीफाईड चावल भी वितरित किया गया है।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

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