एक जिला एक उत्पाद योजना का शुभारंभ उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ ने किया था. उत्तर प्रदेश के ओडीओपी अभियान से केंद्र भी प्रभावित हुआ. केंद्रीय बजट में पूरे देश के लिए ओडीओपी योजना को स्थान दिया गया था. अब यह योजना राष्ट्रीय स्तर पर संचालित हो रही है एक जिला एक उत्पाद अर्थात वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट से प्रत्येक जनपद को उंसकी पहचान मिलेगी, जो उपेक्षा के कारण विलुप्त हो रही थी। वैसे प्रत्येक जिले का विशेष विकास नरेंद्र मोदी के एजेंडे में शामिल रहा है। इस दिशा में पिछड़े जिलों के लिए अनेक योजनाएं लागू की गई। फिर भी इसमें प्रदेश सरकारों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पर क्रियान्वयन करके भी दिखाया है। उनकी सरकार ने इस दिशा में अनेक महत्वपूर्ण सुधार भी किये। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस योजना को आत्मनिर्भर भारत अभियान का आधार बताया. वह ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट के दधीचि हॉल में आयोजित एक सेशन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आज यूपी में वे सभी चीजें हैं जो किसी भी राज्य में उद्योगों के विकास के लिए जरूरी होती हैं। योगी सरकार त्वरित फैसले भी लेती है। नीतियों में कन्फ्यूजन समाप्त हुआ है। कानून व्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति मजबूत हुई है। यह देश के लिए शुभ संकेत हैं।
यूपी में विकास की अपार संभावनाएं हैं। देश को फाइव ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने में राज्य की अहम भूमिका हो सकती है। यूपी की संभावना को देखते हुए बड़ी संख्या में निवेशक राज्य में निवेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में लखनऊ में निवेशक आने को तैयार नहीं थे, इस वजह से दिल्ली में इन्वेस्टर्स समिट की गई थी। एमएसएमई का विकास में महत्वपूर्ण योगदान होता है. योगी के शासनकाल
कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक हुई है। उत्तर प्रदेश के विकास से पूरा देश लाभान्वित होगा।
नीतियां बजट के अनुसार बनाई गई हैं। यूपी सरकार हर दृष्टि से यूपी का महत्व है। उत्तर प्रदेश को आगे बढ़ाने का मतलब है, देश के विकास को गति देना। ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में आए निवेश से भारत के विकास में सहायता मिलेगी। उत्तर प्रदेश का इंफ्रास्ट्रक्चर और यहां की कानून-व्यवस्था पूरे देश में एक मिसाल की तरह हैं। इस सत्र में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश का सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम पूरे देश में सबसे बड़ा आधार रखता है। प्रदेश में लगभग एक करोड़ एमएसएमई इकाइयां मौजूद हैं.ऐसी यूनिट वर्ष छह वर्ष पहले समाप्त हो रही थी. लोग इसे बंद करके पलायन कर रहे थे। वर्तमान सरकार ने पहले कार्यकाल में इनको आगे बढ़ने का माहौल उपलब्ध कराया।
अमित शाह ने ही जनता के लिए समर्पित लोक कल्याण संकल्प पत्र में इसे विशेष स्थान दिया था. डबल इंजन की सरकार जिस एक योजना को लेकर आई थी वह वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडेक्ट है जो आज आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला बनी है। ओडीओपी आज प्रदेश की लोकप्रिय योजना बन चुकी है, जिसने प्रदेश के एक्सपोर्ट को लगभग दोगुना करने में सफलता प्राप्त की है। कोरोना काल खंड में बड़े पैमाने पर प्रदेश में कामगार और श्रमिक आ रहे थे, इसको लेकर प्रदेश का हर व्यक्ति चिंतित था। उस समय प्रदेश में देश के विभिन्न राज्यों से चालीस लाख कामगार और श्रमिक प्रदेश में आए। ऐसे में उस स्थितियों में प्रदेश की एमएसएमई यूनिट के संचालकों और कई संस्थाओं ने आगे आ करके सरकार के साथ मिल करके काम शुरू किया, जिसके फलस्वरूप उनकी स्किल्ड मैपिंग कराई गई और किसी न किसी एमएसएमई यूनिट में एक दो लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया।
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प्रदेश में अलग-अलग क्षेत्रों में एमएसएमई का जो कल्स्टर है. वह वैश्विक स्तर पर लोगों को निवेश की ओर आकर्षित कर रहा है। प्रदेश की एमएसएमई यूनिट देश को नया आयाम देने के लिए सहकारिता आंदोलन के रूप में प्रभावी भूमिका का निवर्हन कर सकती है। आत्मनिर्भर भारत की कल्पना को साकार करने के लिए एमएसएमई और सहकारिता महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं, यह तय करने की दृष्टि से यह सेशन ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में एक बड़ी भूमिका का निर्वहन कर सकता है। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक
भी उपस्थित थे।
रिपोर्ट-डॉ दिलीप अग्निहोत्री