• काशी विद्यापीठ विकासखंड कार्यालय के सभागार में पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न
• चार सीडीपीओ, आठ सुपरवाइज़र, चार एएनएम व 26 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं हुईं प्रशिक्षित
• वर्ष 2027 तक कुपोषण मुक्त भारत बनाने को लेकर आंगनबाड़ी केन्द्रों का हो रहा सुदृढ़ीकरण
वाराणसी। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के मिशन पोषण 2.0 के अंतर्गत जनपद के आंगनबाड़ी केन्द्रों व स्वास्थ्य उपकेन्द्रों पर गुणवत्तापूर्ण सुधार लाने के उद्देश्य से आंगनबाड़ी सेवा योजना के अधिकारियों और कार्यकर्ताओं का पांच दिवसीय प्रशिक्षण शुक्रवार को सम्पन्न हुआ।
महिला एवं बाल विकास विभाग एवं राष्ट्रीय जन सहयोग व बाल विकास संस्थान (निपसिड) लखनऊ के सहयोग से काशी विद्यापीठ विकास खंड सभागार में बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ), सुपरवाइज़र, एएनएम व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया।
निपसिड क्षेत्रीय केंद्र की सहायक निदेशक डॉ स्मिता श्रीवास्तव, यूनिसेफ यूपी से अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन (आईसीसीई) विशेषज्ञ अंकिता गुप्ता, एनईजीडी, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय नई दिल्ली से अरुण कुमार व अमर श्रीवास्तव, यूनिसेफ वाराणसी से अंजनी राय, टीएसयू से वाराणसी प्रतिनिधि रचित कुमार, वेदांता के वाराणसी प्रतिनिधि ने काशी विद्यापीठ, सेवापुरी, अराजीलाइन व नगरीय विकास परियोजना के सीडीपीओ, सुपरवाइज़र, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पोषण, स्वास्थ्य, सामुदायिक गतिविधियों, सहयोग, पोषण ट्रैकर, बाल पिटारा एप्लीकेशन व अन्य विषयों पर प्रशिक्षण दिया।
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जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण का उद्देश्य सतत विकास लक्ष्य द्वितीय (एसडीजी-2) के जीरो कुपोषण मुक्त के लक्ष्य को प्राप्त करना है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में मिशन पोषण 2.0 को लाँच किया गया था। जिसके तहत वर्ष 2027 तक कुपोषण मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है।
पांच दिवसीय कार्यशाला में चार सीडीपीओ, आठ सुपरवाइज़र, चार एएनएम व 26 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मिशन पोषण 2.0 के पाँच साल के रोडमैप को लेकर प्रशिक्षित किया गया।
इस दौरान उन्हें सक्षम आंगनबाड़ी, मिशन पोषण 2.0, महिलाओं और बच्चों के पोषण व स्वास्थ्य की स्थिति, पोषण वाटिका, पोषण पंचायत, अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन (ईसीसीई), शिशु व युवा बाल आहार (आईवाईसीएफ़), मातृ-शिशु सुरक्षा (एमसीपी) कार्ड, सूक्ष्म पोषण तत्व की उपयोगिता एवं नवीन एप्लीलेशन पोषण ट्रैकर, सहयोग और बाल पिटारा के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
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प्रशिक्षण लेने वाले कुल 40 अधिकारियों व कार्यकर्ताओं को मास्टर ट्रेनर बनाया गया है। अब यह मास्टर ट्रेनर अन्य विकास खंड के सीडीपीओ, सुपरवाइज़र, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करेंगे। जिससे जल्द से जल्द मिशन पोषण 2.0 का क्रियान्वयन सभी विकास खंडों में सफलतापूर्वक किया जा सके। सहायक निदेशक डॉ स्मिता श्रीवास्तव ने महिलाओं व बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य स्थिति एवं जीवन व विकास के बारे में जानकारी दी।
साथ ही सक्षम आंगनबाड़ी व मिशन पोषण 2.0 का परिचय, पोषण वाटिका, पोषण पंचायत, समुदाय आधारित योजनाओं को बढ़ावा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका, आंगनबाड़ी सेवा योजना में आईवाईसीएफ़ का सुदृढ़ीकरण, पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की वृद्धि निगरानी, सूक्ष्म पोषण तत्वों की उपयोगिता, एमसीपी कार्ड की उपयोगिता, वीएचएसएनडी के संशोधित दिशा निर्देश के बारे में प्रशिक्षण दिया।
ईसीसीई विशेषज्ञ अंकिता गुप्ता ने ईसीसीई कार्यान्वयन, बच्चे के जीवन में प्रारम्भिक वर्षों का महत्व, बाल विकास, आंगनबाड़ी केन्द्रों को शिक्षा केन्द्रों में परिवर्तित करने के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। अरुण कुमार व अमर श्रीवास्तव ने पोषण ट्रैकर के उपयोग के बारे में प्रशिक्षण दिया। यूनिसेफ से अंजनी राय ने मिशन पोषण 2.0 से जुड़े अन्य विभागों के समन्वय तथा आंगनबाड़ी सेवा योजना के कार्यकर्ताओं के लिए आवश्यक संचार व परामर्श कौशल के बारे में प्रशिक्षण दिया।
जिला महिला चिकित्सालय की वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ मृदुला मल्लिक ने सामान्य बचपन की बीमारियों की रोकथाम और प्रबंधन के बारे में प्रशिक्षण दिया। टीएसयू से रचित कुमार ने आंगनबाड़ी सेवा योजना की निगरानी और मूल्यांकन में सहायक पर्यवेक्षण पर प्रशिक्षण दिया। वेदांता प्रतिनिधि ने व्यक्तिगत व पर्यावरण स्वच्छता और सुरक्षित पेयजल के बारे में प्रशिक्षण दिया।
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इस दौरान काशी विद्यापीठ सीडीपीओ स्वाति पाठक, सेवापुरी सीडीपीओ दिलीप कुमार केसरी, अराजीलाइन सीडीपीओ मनोज कुमार गौतम व नगरीय सीडीपीओ राकेश कुमार सिंह ने कहा कि वाराणसी में इस तरह की प्रशिक्षण कार्यशाला पहली बार आयोजित हुई है जहां एक ही छत के नीचे सभी अधिकारियों और कार्यकर्ताओं को पोषण व स्वास्थ्य के नवीन विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गई है।
अब हम अपने समकक्ष अधिकारियों के अलावा सुपरवाइज़र, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करेंगे। सुपरवाइज़र रीता कुशवाहा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुष्पा ने बताया कि जीरो हंगर के लक्ष्य के साथ पोषण ट्रैकर, बाल पिटारा और सहयोग एप्लीकेशन पर विस्तृत जानकारी मिली।
रिपोर्ट-संजय गुप्ता