लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन में सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेरठ के नैक मूल्यांकन हेतु तैयार एसएसआर रिपोर्ट के प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ केके सिंह ने राज्यपाल को जानकारी दी कि विश्वविद्यालय पहली बार नैक ग्रेडिंग हेतु आवेदन की तैयारी कर रहा है। प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा अपनी राष्ट्रीय रैंकिंग निर्धारण की प्रक्रिया में नैक के लिए आवेदन नहीं किया जा रहा था।
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राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल द्वारा प्रदेश के विश्वविद्यालयों में उच्च शैक्षणिक व्यवस्थाओं और गुणवत्ता सुधार के लिए युद्ध स्तर पर किए गए प्रयासों के क्रम में कृषि विश्वविद्यालयों को भी नैक ग्रेडिंग प्राप्त करने हेतु प्रोत्साहित किया गया, जिसके परिणाम स्परूप कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने देश के 74 कृषि विश्वविद्यालयों में से सर्वप्रथम ‘‘बी प्लस‘‘ नैक ग्रेड हासिल कर नैक ग्रेडिंग प्राप्त पहला कृषि विश्वविद्यालय होने का दर्जा हासिल किया।
राज्यपाल एवं कुुलाधिपति के दिशा-निर्देशन और प्रोत्साहन में प्रदेश के विश्वविद्यालयों द्वारा नैक ग्रेडिंग के जारी प्रयासों के क्रम में कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा भी अपने बेहतर एसएसआर तैयार करके नैक का उच्चतम ग्रेड प्राप्त करने हेतु कार्य किया जा रहा है।
राज्यपाल ने बैठक में विश्वविद्यालय की नैक हेतु गठित कमेटी से नैक मूल्यांकन के निर्धारित सभी सातों क्राइटेरिया पर बिंदुवार समीक्षा की। उन्होंने विश्वविद्यालय के साथ अपनी पूर्व समीक्षा बैठक में दिए निर्देशों के आधार पर हुए सुधारों की चर्चा भी की।
विश्वविद्यालय की इन्टरनल क्वालिटी एस्योरेंस सेल (आईक्यूएसी) के हेड ने राज्यपाल को जानकारी दी कि विश्वविद्यालय में कोर्सेज रिवीजन पर कार्य चल रहा है। ई-कन्टेन्ट विकास को लेकर एग्रो दीक्षा पर शिक्षकों के लेक्चर अपलोड करने का कार्य जारी है। शोध गंगा पर शोध कार्य, थीसिस अपलोड की जा रही हैं। वैल्यू एडेड कोर्सेज को भी जोड़ा जा रहा है। विश्वविद्यालय में शुगर केन सीड उत्पादन का कार्य प्रारम्भ हो चुका है। इसके साथ ही उन्होंने आगामी योजनाओं की जानकारी भी दी।
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विविध बिंदुओं पर समीक्षा करते हुए राज्यपाल ने नैक तैयारियों में विद्यार्थियों को जोड़ने, प्रस्तुतिकरण में नैक तैयारियों की समस्त बैठकों का उल्लेख जोड़ने, राइटअप सुदृढ़ करने, उच्चतम ग्रेड प्राप्त विश्वविद्यालयों की एसएसआर का आवलोकन करके अपने एसएसआर को बेहतर करने, ट्रान्सजेंडर्स को उच्च शिक्षा और विश्वविद्यालय कार्यक्रमों से जोड़ने को कहा।
उन्होंने कहा म्यूजियम बनाकर उसमें विविध प्रकार की फसलों, मोटे अनाजों के बीज और पैदावार को दर्शाएं। उन्होंने विश्वविद्यालय में चौबीस घंटे खुली रहने वाली पुस्तकालय सुविधा को उपलब्धि के तौर पर एसएसआर में जोड़ने को कहा। उन्होंने कहा कि मध्यरात्रि तक पुस्तकालय में पढ़ रहे विद्यार्थियों की फोटो को प्रमाण स्वरूप हाइपर लिंक में लगाएं। राज्यपाल ने विद्यार्थियों के प्लेसमेंट को भी प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में दर्शाने को कहा।
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विश्वविद्यालय द्वारा चलाई जा रही मोबाइल वैटनरी क्लीनिक का विस्तार से उल्लेख जोड़ने का निर्देश देते हुए राज्यपाल जी ने कहा ये विश्वविद्यालय द्वारा दी जा रही सुविधा है, जिससे बड़ेे स्तर पर निश्चित तौर पर किसानों को लाभ हुआ है।
उन्होंने मोबाइल क्लीनिक वैन से पूर्व आ रही परेशानियों और मोबाइल वैन उपलब्ध होने के बाद किसानों को हुए लाभों का उत्कृष्ट विवरण एसएसआर में लगाने को कहा। लम्बी चली समीक्षा बैठक के दौरान राज्यपाल जी ने बिंदुवार सुधार हेतु विविध निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नैक के उच्चतम ग्रेड ‘‘ए प्लस प्लस‘‘ प्राप्त करने हेतु एसएसआर को सुदृढ़ बनाकर दाखिल करें।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ सुधीर महादेव बोबडे, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा पंकज जॉनी सहित विश्वविद्यालय द्वारा नैक मूल्यांकन तैयारी के लिए गठित टीम के सदस्य तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।