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किसानों की अनदेखी पर रालोद ने पूरे प्रदेश में मनाया क्रांति दिवस

लखनऊ। केन्द्र और प्रदेश सरकारों द्वारा लगातार किसानों की अनदेखी होने के कारण आज राष्ट्रीय लोकदल द्वारा सम्पूर्ण प्रदेश में क्रान्ति दिवस मनाया गया। गन्ना किसानों एवं अन्य किसानों की 9 सुत्रीय मांगों से सम्बन्धित प्रदेश के महामहिम राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से सौपा गया। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. मसूद अहमद तथा राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे के नेतृत्व में रालोद पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने भारी पुलिस बल से झडप के बाद पुलिस उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा।

रालोद प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. मसूद अहमद ने कहा कि किसानों की फसलों की लागत बढ़ गई है और मंडियों में लाभकारी मूल्य नहीं मिल रहा। सरकार का किसानों की आय दुगुनी करने का वादा जुमला बनकर रह गया है। किसानों के पास न दवाई के लिए पैसे हैं और न ही बच्चों की पढ़ाई के लिए। लगभग 9 महीनों से देश के किसान ने कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं और MSP की गारंटी की माँग कर रहे हैं लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार का रवैया आंदोलन को विफल करने का है यही कारण है कि किसानों से संतोषजनक वार्ता नहीं की जा रही है। इस अहंकारी किसान विरोधी सरकार के व्यवहार से मजबूर होकर राष्ट्रीय लोकदल ने आज किसान क्रांति दिवस के रूप में मनाया।

ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुपम मिश्रा, प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी, प्रदेश उपाध्यक्ष वसीम हैदर तथा आदित्य विक्रम सिंह, प्रदेश महासचिव संतोष यादव, मनोज सिंह चौहान, युवा रालोद के राष्ट्रीय प्रवक्ता रोहित अग्रवाल, प्रदेश सचिव रमावती तिवारी तथा एमए आरिफ छात्रसभा के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक सिंह चौहान, महानगर अध्यक्ष चन्द्रकांत अवस्थी, जिलाध्यक्ष जगदीश रावत, रामदीन भारती, कार्यालय व्यवस्थाधिकारी इकराम सिंह, शशांक श्रीवास्तव, सुरेश खण्डेलवाल, सीएस यादव, सुरेश यादव, आमिर, रणविजय मौर्या, मनोहर मौर्या, विष्वनाथ यादव मौजूद रहे।

रालोद नेताओं ने ज्ञापन में मांग की, गन्ने का बकाया भुगतान मय ब्याज अविलंब कराया जाए। जब तक किसानों का पूर्ण भुगतान नहीं होता तब तक उनकी सभी तरह की देनदारियों पर रोक लगाई जाए, गन्ने का आगामी सत्र शुरू होने वाला है किसानों के प्रतिनिधियों से वार्ता करके सरकार द्वारा लाभकारी मूल्य घोषित किया जाए, किसानों को इस बात की छुट दी जाए कि वे पूर्व की भांति किसी भी मिल पर अपना गन्ना बेंच सके, किसानों को गन्ने की ढुलाई का भाड़ा खत्म किया जाए, किसानों के बिजली के बिल कम किए जाएं व ट्यूबवेल के लिए किसानों को बिजली मुफ्त दी जाए, किसानों के लिए डीजल पर सब्सिडी दी जाए, किसानों के खाद व अन्य कृषि सम्बन्धित यंत्रों के दाम घटाए जाए तथा कृषि यंत्रों की खरीद के लिए बिना ब्याज के कर्ज दिया जाए, आवारा पशुओं से किसान की फसल को बचाने के लिए व्यावहारिक प्रबंधन किए जाएँ तथा सरकारी मंडी के अंदर और निजी व्यापार में भी किसान से जो ख़रीद होती है वो MSP पर आधारित हो।

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