लखनऊ विश्वविद्यालय के व्यापार प्रशासन विभाग ने उत्तर प्रदेश में फरवरी माह में प्रस्तावित “ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट” को किस प्रकार प्रभावोत्पादक रूप प्रदान करें, उस पर पैनल डिस्कशन का आयोजन किया।
कार्यक्रम का आयोजन लखनऊ विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. अलोक कुमार राय की संरक्षता में प्रभावकारी रूप से संपन्न हुआ। इस आयोजन को सफल दिशा देने में विभागाध्यक्ष प्रो. संगीता साहू के सार्थक प्रयासों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
कार्यक्रम का शुभ आरम्भ सभी उपस्तिथ अतिथिगणों ने दीप प्रज्वलित कर किया. तत्पश्चात, विभागीय छात्रों ने कुलगीत गा कर वातावरण मनोरम किया। विभागध्यक्ष प्रो संगीता साहू ने कार्यक्रम में सभी अतिथिगणों का स्वागत भाषण दे कर आदर प्रस्तुत किया और पैनल डिस्कशन की थीम पर अपने विचार प्रकट किये।
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कार्यक्रम के प्रारम्भ में घनश्याम शाही ने अपना विचार प्रस्तुत किया “मेरा परिसर मेरा स्वाभिमान मेरा प्रदेश मेरी पहचान, कल्पनाये बदलती हैं माहौल बदलता हैं”। एक जिला एक उत्पाद पर भी अपने विचार इस आयोजन में छात्रों के समक्ष प्रस्तुत करें।
कार्यक्रम के दौरान, ओएसडी सरवन बघेल ने उत्तर प्रदेश की समस्त उपलब्धियों के आंकड़े समेत प्रस्तुत किया जैसे- नंबर 1 पायदान पर उत्तर प्रदेश का विराजमान होना तथा कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार की औद्योगिक नीतियों कि उपलब्धता, उत्तरप्रदेश में इन्वेस्टमेंट की संभावनाएं, सकारात्मक व्यापारिक माहौल, औद्योगिक इकाइयों को सुरक्षा प्रदान करना, इन्वेस्टर फ्रेंडली माहौल, आदि विषयों पर प्रभावी रूप से अपने वक्तव्य को समक्ष रखा। यहाँ तक, इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार की 1 ट्रिलियन इकॉनमी बनाने की योजना में योगदान हेतु विचार प्रस्तुत किये।
इस कार्यक्रम में विभाग के विभिन्न अनुभवी अध्यापको ने हिस्सा लिया। डॉ.अजय प्रकाश, डॉ मोहम्मद अनीस, डॉ निशांत कुमार, डॉ वेद श्रीवास्तव ने अपने विचार रखे। विभाग के प्रो अजय प्रकाश ने अपना वक्तव्य कई मुद्दों पर रखा। त्रिस्तरीय परिवहन के साधन जिसमें हवाई, पानी, और रोड वेज़ के माध्यम से उद्यमों को गति देना, भारतीय रेल की मदद से ड्राई पोर्ट्स का पुनःनिर्माण।
कार्यक्रम के दौरान, दूसरे वक्ताओं में से एक डॉ मोहम्मद अनीस ने अपने वक्तव्य में स्टार्टअप्स को टैक्स सब्सिडी देना, रिन्यूएबल एनर्जी, हाउसिंग, इंडस्ट्रियल ग्रोथ, स्टार्टअप को आर्थिक मदद, टेक्निकल नॉलेज का आदान प्रदान,, औद्योगिक नीतियों, बिज़नेस एनवायरनमेंट, आर्थिक मंदी, वैश्विक आर्थिक सुस्ती, अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे, और सबसे महत्पूर्ण कौशल विकास प्रशिक्षण पर अत्यधिक बल देते हुए स्वयं को विचारों को सभा के रखा।
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आगे, डॉ निशांत कुमार ने अपने वक्तव्य में उत्तर प्रदेश की आवश्यकता अनुसार प्रमुख क्षेत्रों में निवेश, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल, बीमारु- इकाइयों का रिवाइवल, आदि मुद्दों पर अपने विचारो को प्रस्तुर किया। कार्यक्रम में डॉ वेद श्रीवास्तव ने अपने वक्तव्य में सबसे महत्पूर्ण विषय- 1 ट्रिलियन इकॉनमी के सपने को साकार करने हेतु लक्षित गतिविधियों पर किस प्रकार काम किया जाये इस पर अपने विचारो को प्रस्तुत कर पैनल डिसकशन को सार्थक किया।
इस पैनल डिस्कशन की भव्यता एवं महत्त्वता इस बात से समझी जा सकती हैं कि उत्तर प्रदेश मे फरवरी माह में आयोजित होने जा रही “इन्वेस्टर्स समिट 2023” की मेजबानी के लिए उत्तर प्रदेश शासन अपनी ओर से किंचित मात्र भी कसर नहीं छोड़ रहा है। इस विशालकाये आयोजन को सफलता के शिखर पर पहुंचाने के लिए शासन के शीर्ष या यूँ कहे आला अधिकारी एड़ी चोटी का जोर लगाते प्रतीत हो रहे है. विषय की गंभीरता के मद्देनजर 30 से अधिक आईएएस अफसर की तैनाती की जा चुकी है। स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी इस आयोजन के लिए कई नामी भारी उद्योगपतियों से मुंबई जा कर इस आयोजन मे चार चाँद लगाने के लिए मुलाक़ातो का सिलसिला जारी रहा। आने वाले समय में प्रस्तावित इन्वेस्टर्स समिट को कारगर सिद्ध करने हेतु यह आयोजन अत्यंत ही प्रभावी रहा।
कार्यक्रम में तत्पश्चात, अनेक छात्रों ने इस आयोजन पर अपने विचारों को पैनल के समक्ष प्रस्तुत कर कार्यक्रम को दो तरफ़ा संवाद का रूप प्रदान करा। कार्यक्रम के वक्ताओं के विचारों के बाद, छात्रों ने सभागार में उपस्तिथ सभी आदरणीय वक्ताओं को धन्यवाद ज्ञापन सौंपा। कार्यक्रम के अंत में, सभागार में उपस्तिथ सभी लोगो ने राष्ट्रगान गा कर कार्यक्रम का समापन किया।