Breaking News

पंकज प्रसून को मिला ”उत्तर प्रदेश भाषा सम्मान-2020″

लखनऊ। राष्ट्रीय स्तर के व्यंग्यकार और कवि पंकज प्रसून को उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान के प्रतिष्ठित “उत्तर प्रदेश भाषा सम्मान -2020 ” से नवाजा गया। यह सम्मान उन्हें उत्तर प्रदेश एवं भाषा के क्षेत्र में साहित्यिक- विनिमय , सौहार्द,समृद्धि और समन्वय को मजबूत करने के लिए दिया गया है। उप्र भाषा संस्थान, भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिये 1994 में स्थापित सरकारी संस्थान है, जिसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं।

यह पुरस्कार उनको उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. राज नारायण शुक्ल व निदेशक हरिबख़्श सिंह (आईएएस) उपस्थिति में आयोजित एक ऑनलाइन समारोह में प्रदान किया गया. सम्मान में उनको 11000 रुपये की धनराशि व प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। डॉ राज नारायण शुक्ल ने बताया कि प्रसून ने विज्ञान के गूढ़ सिद्धांतों को हास्य व्यंग्य औऱ कविता से जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य किया है, जिससे हिंदी भाषा संवृद्ध हुई है।

इससे पहले उन्हें उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान से क्रमशः डॉ रांगेय राघव पुरस्कार-2014 एवम के एन भाल पुरस्कार-2017 से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होने बताया कि भाषा संस्थान का यह सम्मान उनके लिये विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह उनके अब तक के समग्र लेखन के लिए मिला है।

पंकज प्रसून की अब तक 7 किताबें प्रकाशित हो चुकी। हैं जनहित में जारी, द लंपटगंज, पंच प्रपंच, परमाणु की छांव में उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं। उनका कविता संग्रह ‘परमाणु की छांव में’ एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज है। उनका बहुप्रतीक्षित कविता संग्रह ‘लड़कियां बड़ी लड़ाका होती हैं’ हिन्द युग्म प्रकाशन से अगस्त तक प्रकाशित हो जाएगा।

इससे पहले पंकज प्रसून की कई कविताएं सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी हैं। प्रख्यात अभिनेता अनुपम खेर उनकी लिखी कविताओं को अक्सर अपनी आवाज़ में रिकॉर्ड करके सोशल मीडिया पर पोस्ट करते रहते हैं। उन्होने पिछले दिनों अपने पिता पुष्कर नाथ की 9 वीं पुण्य तिथि पर उनको पंकज प्रसून की कविता से याद किया था।

पंकज प्रसून को जनवरी में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ‘इंटरनेशनल पोयट्री सिम्पोजियम’ में भी काव्य पाठ के लिए आमंत्रित किया गया था। लखनऊ विश्व विद्यालय के शताब्दी वर्ष समारोह में उनको साइनटेनमेन्ट की विशेष प्रस्तुति के लिए आमंत्रित किया गया था।

पंकज प्रसून ने अप्रैल माह में कोविड से उबरने के बाद अपने गृह जनपद रायबरेली में आओ गांव बचाएं अभियान शुरू किया। जिसमें उन्होंने डॉ कुमार विश्वास, सोनू सूद, मालिनी अवस्थी, आलमबाग गुरुद्वारा व भारत विमर्श फाउंडेशन के सहयोग से उन्होने कुल 10 कोविड केयर एंड हेल्प सेन्टर्स की स्थापना की। जहाँ निः शुल्क दवा,ऑक्सीजन बेड, राशन व डॉक्टरी सलाह मुहैया कराई गई। वह अब तक 5 गांवों में काढ़ा कैफ़े भी खुलवा चुके हैं। जहां निः शुल्क आयुष का काढ़ा ग्रामवासियों को पिलाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने पिछले दिनों रायबरेली दौरे में उनको जिला मुख्यालय बुलाकर उनके अभियान की सराहना की थी।

About Samar Saleel

Check Also

शाहजहांपुर के मिर्जापुर में उमड़ी किसानों की भीड़, पुलिस ने कराया वितरण

शाहजहांपुर के मिर्जापुर स्थित साधन सहकारी समिति में गुरुवार को सुबह से ही खाद का ...