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महान फर्राटा धावक मिल्खा सिंह के निधन के साथ एक युग का अंत

लखनऊ। मिल्खा सिंह के निधन पर महात्मा गांधी स्पोर्टस क्लब के तत्वावधान में गांधी भवन में शोकसभा आयोजित कर श्रद्धांजलि दी गई। शुक्रवार रात को उन्होंने चंडीगढ़ पीजीआई में अंतिम सांस ली। वह 91 साल के थे। क्लब के संस्थापक राजनाथ शर्मा ने कहा कि भारत ने एक कोहिनूर खो दिया। सरदार मिल्खा सिंह हर भारतीय के लिए प्रेरणा बने रहेंगे। उन्होंने विश्व एथलेटिक्स पर अमिट छाप छोड़ी। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।

हाकी के राष्ट्रीय खिलाड़ी रहे सलाउद्दीन किदवई ने बताया कि मिल्खा सिंह ने चार बार एशियन गेम्स और 1958 के कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था। 1960 में रोम में 400 मीटर की दौड़ में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करके कीर्तिमान स्थापित किया। उन्होंने 1956 और 1964 के ओलंपिक खेलों में देश की नुमाइंदगी की थी और 1959 में उन्हें पद्मश्री के खि़ताब से नवाजा गया। उनका निधन खेल जगत की अपूर्णनीय क्षति है। वयोवृद्ध हाकी खिलाड़ी चैधरी छोटे लाल ने कहा कि महान फर्राटा धावक मिल्खा सिंह के निधन के साथ एक युग के अंत हो गया। वह भारत के गौरव थे। उन्होंने विश्व में भरत का कीर्तिमान स्थापित किया।

इस मौके पर हाकी खिलाड़ी मुजीब अहमद, पाटेश्वरी प्रसाद, मृत्युंजय शर्मा, साकेत मौर्या, विनय कुमार सिंह, अनुपम सिंह राठौर, विजय कुमार सिंह, अशोक शुक्ला, सत्यवान वर्मा, पी.के सिंह, अतीकुर्ररहमान, नीरज दूबे, जमील उर रहमान, मनीष सिंह, अनिल यादव, तौफिक अहमद आदि लोगों ने शोक संवेदना व्क्त कर धावक मिल्खा सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की।

 शाश्वत तिवारी

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