भारत और अमेरिका के संबंधों में लगातार गहराई और मजबूती देखने को मिल रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों के मजबूत संबंधों पर बहुत फोकस किया है। इसी क्रम में, अमेरिकी विदेश सचिव एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि भारत और अमेरिका की साझेदारी गहरी होती जा रही है। अमेरिका ने भारत के साथ अपनी साझेदारी को गहरा किया है। उन्होंने कहा कि देश ने क्वाड के माध्यम से भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ सहयोग बढ़ाया है।
इन पर किया काम
ब्लिंकन ने कहा कि हिंद-प्रशांत में अमेरिका की साझेदारी कभी इतनी मजबूत नहीं रही है। इसके लिए अमेरिका परमाणु संचालित पनडुब्बियों के उत्पादन के लिए ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के साथ काम कर रहा है। इसके अलावा, हमने वियतनाम और इंडोनेशिया के साथ नई व्यापक रणनीतिक साझेदारी, फिलीपींस के साथ एक नया रक्षा सहयोग समझौता, फिलीपींस और जापान के साथ नई त्रिपक्षीय पहल, सोलोमन द्वीप और टोंगा में नए दूतावास शुरू किए है।
चीन से निपटने के लिए कर रहे काम
अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने आगे कहा, ‘चीन की चुनौतियों से निपटने के लिए अमेरिका जी-7, यूरोपीय संघ और अन्य सहयोगियों और भागीदारों के साथ पहले से कहीं अधिक निकटता से जुड़ा हुआ है। हम नाटो और हमारे इंडो-पैसिफिक सहयोगियों के बीच सहयोग और समन्वय को गहरा कर रहे हैं।’
जो हुआ वो भविष्य में कभी न हो
इस्राइल-हमास युद्ध पर ब्लिकंन ने कहा हमारी कोशिश है कि इस्राइल के साथ सात अक्तूबर को जो हुआ वो भविष्य में कभी न हो। वहीं, अमेरिका की कोशिश है कि इस्राइल-हमास के बीच संघर्ष जल्द खत्म हो। वहीं, इस्राइल हमास के खतरे से निपट भी ले और गाजा में निर्दोष नागरिकों की हत्या न हो। गौरतलब है कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इस्राइल का चार बार दौरा किया और संघर्ष रोकने के प्रयास किए। अस्थाई रूप से संघर्ष विराम में अमेरिका की पहल भी शामिल है।