लखनऊ। आजादी के आन्दोलन के महान योद्वा एवं समाजवादी आन्दोलन के जनक लब्ध प्रतिष्ठ कुलपति (एलयू तथा बीएचयू) आचार्य नरेन्द्र देव की 64वीं पुण्यतिथि पर लखनऊ के गोमती तट पर स्थित उनकी समाधि पर फूल माला चढाकर पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं समाजवादी मंच के राष्ट्रीय सह समन्वयक ओंकार सिंह ने श्रद्वांजलि अर्पित की।
उन्होंने कहा कि आचार्य नरेन्द्र देव जी का नाम कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के रूप में सुभाष चन्द्र बोस ने अपना इस्तीफा देते हुये प्रस्तावित किया था वह गांधी व सुभाष दोनो के प्रिय थे और पण्डित नेहरू उनको अपना बडा भाई मानते थे। राजीव गांधी का नामकरण भी नेहरू जी ने आचार्य नरेन्द्र देव से कराया था।
आचार्य नरेन्द्र देव वर्ग संघर्ष की बात करते थे। सरदार पटेल चौ. चरण सिंह, जयप्रकाश नारायन, डाॅ. लोहिया, मधुलिमै और चन्द्रशेखर जी उनके अनुयायी रहे हैं। वह 24 साल की उम्र में डाॅ. लोहिया 1934 में कांग्रेस शोषित पार्टी के राष्ट्रीय सचिव (विदेश मामले) बने थे और आचार्य जी कांग्रेस शोषित पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। आज वर्ग संघर्ष की बात समाप्त हो गयी वर्ग का सहयोग आ गया है। नरेन्द्र जी ने 1937 में बिहार के गया जिले में एक किसानों के आन्दोलन का नेतृत्व किया था। आज सही मायने उनको सच्ची श्रद्वांजलि यही होगी जब उनके विचारों का समाजवादी भारत बनाने में हम सभी उनका अनुसरण करें।