लखनऊ। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए ग्राम्य विकास मंत्री श्री मोती सिंह ने कहा कि लोक निर्माण विभाग व ग्रामीण अभियंत्रण विभाग समन्व्य की कमी को दूर कर कार्य करें। उन्होंने कहा कि पीएमजीएसवाई की सड़कों के अनुरक्षण कार्यों में पीआईयू के अभियन्ता जिम्मेदार होंगे। उन्होंने पीआईयू के अभियन्ताओं के प्रशासिनक नियंत्रण का अधिकार उ.प्र0). ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी के अधिकार क्षेत्र में रखने का निर्देश दिया।
ग्राम्य विकास मंत्री मोती सिंह मंगलवार को उ.प्र. ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के सभागार में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के समीक्षा कर रहे थे। समीक्षा के दौरान उन्होंने कार्य में रूचि न लेने वाले अभियन्ताओं पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए सख्त कार्यवाही करने का निर्देश दिया। उन्होंने पीएमजीएसवाई के सड़कों के कार्यों में तेजी लाने के लिए पीआईयू-लोनिवि तथा पीआईयू-आरईडी के पिछले तीन वर्षों से रिक्त पदों को तत्काल भरने का निर्देश दोनों विभागों के विभागाध्यक्ष को दिया। उन्होंने दोनों विभाग के विभागाध्यक्ष से जनपदीय-पीआईयू के अधिष्ठान का कार्य उ.प्र. ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी के अधिकार क्षेत्र में रखने का निर्देश दिया जिस पर मौखिक सहमति दोनों से प्राप्त हो गयी है।
ग्राम्य विकास मंत्री ने पीएमजीएसवाई के अन्तर्गत अनुरक्षणाधीन मार्गों की शतप्रतिशत जांच मुख्य विकास अधिकारी से कराये जाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए समय सीमा निर्धारित करते हुए मुख्य विकास अधिकारियों को पत्र भेज दिया जाए। उन्होंने पीएमजीएसवाई के अधीक्षण अभियन्ताओं को भी सड़कों का नियमित निरीक्षण करने तथा उसकी रिपोर्ट सीधे यूपीआरआरडीए को भेजने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि फील्ड के अभियन्ता यूपीआरआरडीए के लिए उत्तरदायी होंगे। उन्होंने कहा कि पीएमजीएसवाई की सड़कों में कमी पाये जाने की दशा में संबंधित क्षेत्रीय अभियन्ता सीधे जिम्मेदार होंगे। उन्होंने पीएमजीएसवाई के अन्तर्गत निरस्त किये गये अनुबन्ध की नियम विरूद्ध पुनः पुनर्जिवित कर काम कराये जाने पर गहरा रोष व्यक्त करते हुए ऐसे प्रकरणों की जांच कराकर एक सप्ताह में जांच आख्य शासन को उपलब्ध कराने का निर्देश मुख्य कार्यपालक अधिकारी को दिया। उन्हांेने कहा कि जांच में दोषी जाये जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ विधिक कार्यवाही होगी।
समीक्षा बैठक में आयुक्त ग्राम्य विकास के रवीन्द्र नायक, मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुजीत कुमार, ईएनसी लोनिवि आरआर सिंह, मुख्य अभियन्ता सुधांशु कुमार, निदेशक व मुख्य अभियन्ता ग्राअवि रवीन्द्र सिंह गंगवार, राज्य तकनीकी अधिकारी मो0 नूर आलम, उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी ब्रजेश कुमार त्रिपाठी सहित अन्य अधिकारी व अभियन्ता उपस्थित थे।