ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कई लोगों की कुंडली में दोष पाए जाते हैं। वो चाहे शनि दोष हो या मंगल। इनके नकारात्मक असर को कम करने के लिए तमाम तरह के रत्न पहने जाते हैं। मगर आज हम आपको कुछ ऐसी उपयोगी जड़ों के बारे में बताएंगे जिन्हें धारण करने से सारे दोष खत्म हो जाएंगे।
1. जिन लोगों का मंगल ग्रह कमजोर है या इस ग्रह का दोष है तो उन्हें अश्वगंधा के पेड़ की जड़ बांधनी चाहिए। इससे मंगल ग्रह का नकारात्मक प्रभाव कम हो जाएगा। इससे शादी एवं तरक्की में आ रही रुकावटें दूर हो जाएंगी।
2. अगर किसी की कुंडली में शनि दोष है तो उन्हें शमी के पेड़ की जड़ धारण करनी चाहिए। इसके लिए अनुराधा नक्षत्र वाले दिन काली जी व शनि देव की पूजा करके नीले व काले रंग के धागे में जड़ को लपेटकर पहनें।
3. अगर आपकी कुंडली में राहु लग्न, सप्तम या भाग्य स्थान मे हो तो आप सफेद चंदन की जड़ बांधे। इसके लिए आप आर्द्रा नक्षत्र वाले दिन इसे शिव जी के सामने रखें। इसके बाद ऊँ रां राहुए नम: मंत्र का जाप करें, अब जड़ को काले धागे में पहनें।
4.अगर किसी की कुंडली में केतु चन्द्र या मंगल युक्त होकर लग्नस्थ में है,तो उन्हें दोष को दूर करने एवं इसके नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए अश्वगंधा के पेडत्र की जड़ बांधे। इसे धारण करते समय ऊँ कें केतवे नम: मंत्र का जाप करें।
5.अगर किसी की कुंडली में सूर्य कमजोर है तो आपको बेल के पेड़ की जड़ बांधनी चाहिए। इसके बेहतर प्रभाव के लिए कृत्तिका नक्षत्र वाले दिन बेल की जड़ को सुबह तोड़ लें और इसे शिवजी के सामने रख दें। अब ऊँ भास्कराय ह्रीं मंत्र का जाप करने के बाद इसे गुलाबी धागे में लपेटकर बांधे।
6.यदि आप की कुंडली में चंद्र नीच का होकर वृश्चिक राशि में है या राहु-केतु और शनि द्वारा प्रभावित है तो आप खिरनी की जड़ बांधे। इसे बांधते समय ऊँ श्रां श्रीं श्रौं स:चंद्रमसे नम: मंत्र का जाप करें।
7.जिन लोगों की कुंडली में मंगल नीच का होकर कर्क राशि में हो उन्हें खेर की जड़ बांधनी चाहिए। इसके लिए मृगशिरा नक्षत्र का दिन शुभ होता है। इसे बांधते समय नारंगी रंग के धागे या कपड़े का प्रयोग करें।
8.अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर है तो आपको विधारा की जड़ बांधनी चाहिए। इससे दिमाग तेज होगा। इसे बांधते समय ऊँ बुं बुधाय नम: मंत्र का जाप करें।
9.अगर किसी की कुंडली में गुरु राहु के साथ है या राहु की गुरू पर नजर पड़ रही है तो व्यक्ति को हल्दी की गांठ धारण करनी चाहिए। इसके लिए पुनर्वसु नक्षत्र शुभ माना जाता है।
10.यदि आपकी कुंडली में शुक्र अष्टम भाव में है तो आप गूलर की जड़ बांधे। इसे शाम के समय धारण करें। उस वक्त ऊँ शुं शुक्राय नम: मंत्र का जाप करें।
Note- जातक संपर्क सूत्र 98382 11412, 9455522050, 8707666519 से अपॉइंटमेंट लेकर संपर्क करें।