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फ्रांस की यात्रा पर रवाना हुए पीएम मोदी , जानने के लिए पढ़े पूरी खबर

बैस्टिल दिवस समारोह में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस की यात्रा पर रवाना हो चुके हैं।  इस इंटरव्यू में उनसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता को लेकर भी सवाल पूछे गए। पीएम मोदी से पूछा गया कि क्या संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता दांव पर है? इसके जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि मुद्दा सिर्फ विश्वसनीयता का नहीं है, बल्कि इससे भी बड़ा है। पीएम मोदी ने कहा, ”मेरा मानना है कि दुनिया को दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी बहुपक्षीय शासन व्यवस्था के बारे में ईमानदारी से चर्चा करने की जरूरत है।”

पीएम मोदी ने कहा, ”संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के लगभग आठ दशक बाद दुनिया काफी बदल गई है। सदस्य देशों की संख्या चार गुना बढ़ गई है। वैश्विक अर्थव्यवस्था का चरित्र बदल गया है। हम नई तकनीक के युग में रहते हैं। नई शक्तियों का उदय हुआ है, जिससे वैश्विक संतुलन में बदलाव आया है। हम जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा, आतंकवाद, अंतरिक्ष सुरक्षा, महामारी सहित नई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।”

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद पर सवाल उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह विसंगति का प्रतीक है। हम इसे वैश्विक निकाय का प्राथमिक अंग कैसे मान सकते हैं, जब अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के पूरे महाद्वीपों को नजरअंदाज कर दिया जाता है? संयुक्त राष्ट्र दुनिया की तरफ से बोलने का दावा कैसे कर सकता है जब उसका सबसे अधिक आबादी वाला देश और उसका सबसे बड़ा लोकतंत्र इसका स्थायी सदस्य नहीं है? इसकी निर्णय लेने की प्रक्रिया अपारदर्शी है। आज की चुनौतियों से निपटने में यह असहाय दिखती है।

प्रधानमंत्री आगे कहते हैं, ”इस बदली हुई दुनिया में कई सवाल उठते हैं। क्या संयुक्त राष्ट्र आज की दुनिया का प्रतिनिधित्व करता है? क्या वह उन भूमिकाओं का निर्वहन करने में सक्षम हैं जिनके लिए उसे स्थापित किया गया था? क्या दुनिया भर के देशों को लगता है कि ये संगठन मायने रखते हैं या ये प्रासंगिक हैं?”

 

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