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नाबालिग आरोपी के पिता और दादा की पुलिस हिरासत बढ़ाई गई, पुणे की कोर्ट का फैसला

पुणे:  पुणे की एक कोर्ट ने मंगलवार को पोर्श कार दुर्घटना में कथित रूप से शामिल एक किशोर के पिता को 31 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। कार्रवाई परिवार के चालक के कथित अपहरण और बंधक बनाने के मामले में की गई है। अदालत ने इसी मामले में आरोपी किशोर के दादा की पुलिस हिरासत भी 31 मई तक बढ़ा दी। दोनों आरोपियों को न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) ए.ए. पांडे के समक्ष पेश किया गया। दोनों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 365 (अपहरण) और 368 (गलत तरीके से छिपाना या बंधक बनाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पुणे शहर के कल्याणी नगर इलाके में 19 मई की सुबह कथित तौर पर नाबालिग द्वारा चलाई जा रही तेज रफ्तार पोर्श कार की चपेट में आने से दो आईटी पेशेवरों की मौत हो गई थी। पुलिस का दावा है कि हादसे के वक्त किशोर नशे में था। नाबालिग के पिता और रियल एस्टेट कारोबारी विशाल अग्रवाल (50) किशोर न्याय अधिनियम के तहत दर्ज मामले में पहले ही न्यायिक हिरासत में हैं।

पुलिस ने आरोप लगाया है कि विशाल अग्रवाल और उनके पिता सुरेंद्र अग्रवाल (77) ने अपने चालक को पैसे का लालच और धमकी देकर दुर्घटना की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेने के लिए दबाव डाला। इस सिलसिले में सुरेंद्र अग्रवाल को 25 मई को गिरफ्तार किया गया और फिर अदालत ने उन्हें 28 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया था।

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