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गहलोत और पायलट के बीच एक बार फिर हुआ ऐसा , जानकर नेताओ के उड़े होश

चिन पायलट, वसुंधरा सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच की मांग कर रहे थे। उन्होंने अपनी सरकार के खिलाफ एक दिन का अनशन भी किया। सचिन पायलट के इस अनशन के बाद गहलोत और पायलट के बीच एक बार फिर विवाद सामने आ गया है।

पार्टी में परिवारवाद का आरोप लगने के बाद कांग्रेस ने अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की घोषणा की। चूंकि पार्टी चाहती थी कि गहलोत ही अध्यक्ष बनें, लेकिन गहलोत इस पर राजी नहीं हुए क्योंकि गहलोत राजस्थान नहीं छोड़ना चाहते थे। ऐसे में कहा जा सकता है कि गहलोत में कांग्रेस का अध्यक्ष पद ठुकरा दिया। सचिन पायलट के अनशन के बाद हरकत में आए कांग्रेस आलाकमान ने पायलट के लिए एक ऑफर लेकर कमलनाथ को सचिन के पास भेजा।

ऑफर में कहा गया कि उन्हें दिल्ली में कोई बड़ा पद दिया जाएगा। हालांकि, पायलट को यह ऑफर रास नहीं आया और वो राजी नहीं हुए। ऐसे में एक सवाल उठता है कि राजस्थान में ऐसा क्या है कि एक ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद ठुकरा दिया और एक ने CWC ठुकरा दिया।

ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। इससे पहले भी पायलट और गहलोत में तनातनी देखने को मिली है। इस बीच एक मौका ऐसा आया जब कांग्रेस आलाकमान गहलोत को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर एक तीर से दो निशाने साधना चाहती थी। गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस को दो फायदा होता। पहला फयदा ये कि गहलोत और पायलट का विवाद खत्म हो जाता। दूसरा-कांग्रेस पर बार-बार लगने वाले परिवारवाद के आरोप से भी छुटकारा मिल जाता।

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