2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से लगातार पीलीभीत सांसद वरुण गांधी अपनी ही सरकार पर हमलावर हैं। वरुण गांधी के सरकार को लेकर दिए गए विवादित बयानों के कई वीडियो भी वायरल हो चुके हैं।
इसी तरह का एक और वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वरुण गांधी अपनी ही सरकार के एक मंत्री पर बरसते नजर आए। पूरा मामला रविवार की शाम ललौरीखेड़ा में आयोजित जनसंवाद के दौरान का है। सांसद वरुण गांधी दो दिवसीय संसदीय क्षेत्र के दौरे पर पीलीभीत पहुंचे थे। यहां सांसद ने ललौरीखेड़ा और बरखेड़ा में ग्रामीणों से जनसंवाद किया। ललौरीखेड़ा में आयोजित जनसंवाद के दौरान वरुण गांधी लोगों को संबोधित कर रहे थे।
वरुण गांधी ने कहा, जो हमारी चप्पल उठाने की औकात नहीं रखते थे। वो आज पांच पांच गाड़ियों के काफिलों में चल रहे हैं। जो चुनाव जीतने के बाद बड़ी बड़ी कॉलोनी काटते हैं। जो चुनाव जीतने के बाद बड़े-बड़े काफिले में चलते हैं। वे पहले भले ही किराए की गाड़ी से चलते हो। पर आज पांच पांच गाड़ियों के काफिले से चल रहे हैं।
सांसद ने कहा कि आजकल कानों को खुश करने वाली बातों की राजनीति है। छुट्टा गोवंश की समस्या हल हुई न ही अपात्रों को आवास देने पर रोक लग पा रही हैं। ललौरीखेड़ा में सांसद ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम दोनों ही जब मजबूत होंगे, तब देश तरक्की करेगा। किसी एक समाज को डराना ठीक नहीं है।
रविवार को सांसद वरुण गांधी ने बरखेड़ा के ग्राम दियोहना, पैनिया रामकिशन तथा ज्योरह कल्यानपुर में जनसंवाद संवाद किया। कहा कि वह उन नेताओं की तरह नहीं हैं, जो चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे करते हैं और बाद में मुड़कर नहीं देखते। उनकी राजनीति सच्चाई, ईमानदारी और देशभक्ति पर आधारित है।
इतना ही नहीं वरुण गांधी ने सरकार में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ भी हमला बोला। इशारों ही इशारों में भाजपा के एक मंत्री पर हमला बोलते हुए कहा, मैं वैसा नेता नहीं हूं जो चुनाव जीतने के बाद बड़ी-बड़ी गाड़ियों के काफिलों के साथ चलते हैं। ये सब गाड़ियों की कीमत आपके बच्चों के सपने हैं।
उन्होंने आगे कहा, आज जब आप थाने पर या पेंशन और आवास के लिए जाते हैं तो आपको लाभ लेने के लिए रिश्वत देनी पड़ती है। ये सब एक गुलामी से कम नहीं है। जब चुनाव आता है तो जाति धर्म की भावनाओं में बहकर वोट दे देते हैं। उन्होंने भ्रष्टाचार को लेकर सवाल उठाते हुए कहा, सरकार में बैठे अफसरों की नाक के नीचे बिना लक्ष्मी के दर्शन के काम नहीं होता। ये बात मैंने किसान आंदोलन में भी कही थी।