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योगी की मुम्बई यात्रा का सकारात्मक सन्दर्भ


महाराष्ट्र में शिवसेना का कांग्रेस व एनसीपी बेमेल गठबंधन की सरकार चला रहे है। इसको लेकर इन पार्टियों के विधायकों को भी आशंका बनी रहती है। इस कारण सरकार में बैठे लोग भी भविष्य को लेकर भयभीत रहते है। तनिक आहट से भी ये सहम जाते है। योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री होने के साथ ही राष्ट्रीय पार्टी के नेता है। उनका रुख भी व्यापक रहता है। वह उत्तर प्रदेश में निवेश हेतु जब कोई प्रस्ताव करते है तब उसका भी राष्ट्रीय हितों से ही जुड़ाव होता है। वह नए निवेश व नव निर्माण की बात करते है।

उन्होंने ऐसा कुछ कहा या किया नहीं जिसका महाराष्ट्र या किसी अन्य प्रान्त पर प्रतिकूल प्रभाव हो। लेकिन उद्धव ठाकरे संजय राउत वेवजह घबरा गए। इसका मतलब है कि योगी की मुम्बई यात्रा सफल है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुम्बई यात्रा का उद्देश्य सकारात्मक था। इसमें उत्तर प्रदेश के साथ ही राष्ट्रीय विकास का समावेश था। किसी अन्य प्रदेश से कुछ उठा कर लाने की कल्पना भी नहीं थी।

यह अवश्य बताया गया कि उत्तर प्रदेश में विगत तीन वर्षों में निवेश के अनुकूल माहौल बनाने में उल्लेखनीय सफलता मिली है। इज ऑफ डूइंग सूची में यूपी बुलन्दी की ओर अग्रसर है। यहां फ़िल्म सिटी का निर्माण भी अंततः राष्ट्रीय हित को ही आगे बढ़ाएगा। स्वस्थ्य प्रतिद्वंदिता प्रारम्भ होगी। पिछले दिनों मुम्बई फ़िल्म जगत को लेकर अनेक सवाल भी उठाए गए। स्वस्थ्य प्रतिद्वंदिता के अभाव में भी इस प्रकार की कमियां आती है। योगी आदित्यनाथ ने इस ओर ध्यान दिया।

इसीलिए उन्होंने यूपी में फ़िल्म सिटी निर्माण का शुभारंभ किया। योगी प्रत्येक कार्य को पूर्ण क्षमता के साथ बेहतरीन रूप देते है। प्रयागराज कुम्भ,इन्वेस्टर्स समिट आदि ऐसे अनेक उदाहरणों से यह प्रमाणित है। ऐसा ही वह फ़िल्म सिटी के संदर्भ में कर रहे है। इस संबन्ध में पिछले दिनों फ़िल्म जगत के अनेक लोगों के साथ उन्होंने व्यापक विचार विमर्श किया है। मुम्बई यात्रा के दौरान भी उन्होंने इस विचार विमर्श को आगे बढ़ाया है।

अक्षय कुमार के अलावा उन्होंने बॉलीवुड के निर्देशक और निर्माताओं से भी चर्चा की है। लेकिन संकुचित मानसिकता का परिचय देते हुए उद्धव ठाकरे,संजय राउत आदि लोग बयानबाजी करने लगे। योगी की फिल्मसिटी को लेकर कई निवेशकों से वार्ता भी महत्वपूर्ण रही। उद्धव ठाकरे बोले कि उद्योगपतियों में आज भी महाराष्ट्र का आकर्षण कायम है। राज्य का कोई भी उद्योग बाहर नहीं जाएगा,बल्कि अन्य राज्यों के उद्योगपति भी महाराष्ट्र में उद्योग लगाने के लिए आएंगे। राज्य के उद्योग राज्य में ही रहेंगे।

चिल्लाकर,धमकाकर कोई लेकर जाना चाहेगा तो मैं वह होने नहीं दूंगा। जबकि योगी आदित्यनाथ ने ऐसा कुछ नहीं कहा,जिसको धमकी कहा जाए। जहां धमकी देने वाले होते है वहाँ की उद्योग लगाने का इच्छुक नहीं होता। योगी आदित्यनाथ ने तो उत्तर प्रदेश में निवेश के अनुकूल माहौल बनाया है। इसलिए उद्योगपति आकर्षित हो रहे है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में दो सौ करोड़ रुपये के लखनऊ नगरपालिका बांड का शुभारंभ भी सकारात्मक प्रयास था। इसी प्रकार डिफेंस कॉरिडोर और उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी के निर्माण से संबंधित उद्यमियों एवं फिल्म निर्माताओं से मुलाकात भी देश में स्वस्थ्य प्रतिद्वंदिता के अनुकूल रही।

डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

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