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हर व्यक्ति को सुपोषित बनाने को चल रहा संभव अभियान

औरैया। शिशु और बाल मृत्यु में वृद्धि का प्रमुख कारण मातृ एवं शिशु कुपोषण है। कुपोषण की रोकथाम में सबसे बड़ी चुनौती समाज, परिवार एवं व्यक्ति के स्तर पर पोषण संबंधित मौजूदा व्यवहारों, धारणाओं एवं मिथकों में परिवर्तन लाना है। इसी उद्देश्य के साथ हर जनपदवासी को कुपोषण से बचाने के लिए शुक्रवार से ‘संभव’ अभियान चल रहा है। जो 30 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की ओर से कुपोषित (मैम) और अतिकुपोषित (सैम) बच्चों की पहचान कर रही हैं।

सोमवार को ब्लॉक अछल्दा के आंगनबाड़ी केंद्र ग्राम पंचायत औतों में संभव अभियान के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं का वजन किया गया और पोषण के लिए सलाह दी गई।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुमन चतुर्वेदी ने गर्भवती के साथ बैठक कर प्रसव के दौरान चार बार जांच करवाने के महत्व के बारे में बताया। साथ ही टीटी के टीके अवश्य लगवाए और आयरन कैल्शियम प्रतिदिन लेने की सलाह दी। डिलीवरी के बाद 6 माह तक बच्चे को केवल स्तनपान करवाए।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुमन ने बताया कि जन्म के समय कम वजन, सैम, मैम व गंभीर अल्पवजन के बच्चों के यहां साप्ताहिक गृह भ्रमण करते हुए उनकी स्थिति, भूख की जानकारी तथा स्वास्थ्य स्थिति का भी आंकलन कर रहीं हैं । प्रत्येक दशा में इन बच्चों को माह में वजन व लंबाई/ऊंचाई लेना व पोषण ट्रैकर पर दर्ज करना उनकी जिम्मेदारी होगी। कार्यक्रम में शनाज बेगम शमशीदा नीलम शशि ने प्रतिभाग किया सहायिका माधुरी भी उपस्थित रही।

जिला कार्यक्रम अधिकारी शरद अवस्थी ने बताया के मुताबिक ‘संभव’ अभियान के पहले सप्ताह में गर्भावस्था की आखिरी तिमाही में स्तनपान प्रोत्साहन पर जागरूक किया जा रहा है , दूसरे सप्ताह में जन्म के समय कम वजन के बच्चे की देखभाल पर बातचीत, तीसरे सप्ताह में कंगारू मदर केयर पर जानकारी और चौथे सप्ताह में स्तनपान की तकनीक के बारे में बताया जाएगा।

उन्होंने बताया कि अगस्त के पहले हफ्ते में नवजात शिशु की देखभाल के बारे में बताया जाएगा, दूसरे हफ्ते में सही समय पर सही प्रकार का भोजन लेना आवश्यक है, तीसरे हफ्ते में भोजन की गुणवत्ता एवं विविधिता के बारे में जागरूक किया जाएगा तथा चौथे हफ्ते में बीमार बच्चे का भोजन कैसा होना चाहिए इस पर प्रकाश डाला जाएगा। इसी प्रकार सितम्बर के पहले हफ्ते में दस्त से बचाव व प्रबंधन के बारे में जागरूक किया जाएगा, दूसरे हफ्ते में साफ-सफाई व स्वच्छता का पोषण में महत्व के बारे में बताया जाएगा, तीसरे हफ्ते में छोटे बच्चों में एनीमिया व अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों का बारे में किया जाएगा तथा चौथे हफ्ते में वजन दिवस कार्यक्रम का संचालन किया जाएगा ।

उन्होंने बताया कि नवजात शिशु के जन्म के प्रथम माह में चार साप्ताहिक गृह भ्रमण करते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उनका वजन लेंगी। यदि किसी बच्चे का वजन कम है अथवा गिरता हुआ प्रतीत होता है तो तुरंत स्तनपान संबधी व्यवहार की विस्तृत जानकारी देंगी व आवश्यकतानुसार कार्रवाई करेंगी।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर 

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