लखनऊ। ईएसआईएपी रिसोर्स पार्टनर, इंस्टीट्यूट ऑफ वाइल्ड लाइफ साइंसेज, लखनऊ विश्वविद्यालय, जूलॉजी विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, वाइटल्स जूलॉजिकल सोसाइटी ने जूलॉजी विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय के सहयोग से 15 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय मयूर दिवस मनाया।
उपरोक्त कार्यक्रम में विभिन्न छात्रों से #मोर पर आधारित पोस्टर प्रतियोगिता एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। मोर जैविक, पौराणिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक महत्व का एक भारतीय राष्ट्रीय पक्षी है।
दुनिया में मोर की लगभग तीन प्रजातियां हैं और वे भारतीय देवी-देवताओं से न केवल भगवान कृष्ण बल्कि देवी लक्ष्मी, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय से भी जुड़े हैं।
‘पार्वनी’ और कुछ नहीं बल्कि एक मयूर का नाम है जो भगवान कार्तिकेय का वाहन है। मोर न केवल सुंदरता का प्रतीक है बल्कि यह एक सर्वाहारी जानवर है जो हमारे पर्यावरण को शुद्ध करता है। इसे एक पक्षी के रूप में माना जाता है जो किसान का मित्र होता है क्योंकि यह खेत में कीटों को नियंत्रित करता है और किसानों की मदद करता है।
इस अवसर पर प्रो. एम सेराजुद्दीन, विभागाध्यक्ष, प्राणी विज्ञान विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, डॉ कल्पना सिंह, प्रोफेसर, प्राणी विज्ञान विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय और अन्य उपस्थित थे।