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ITBP के ‘हिमवीरों’ की सराहना करते हुए अमित शाह ने कहा-जमीन पर कब्जा नहीं कर सकता…

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि उन्हें भारत-चीन सीमा की कभी चिंता नहीं है क्योंकि वे जानते हैं कि ITBP के जवान वहां सीमाओं की रखवाली कर रहे हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि ITBP के जवानों के वहां होने से कोई भी भारत की एक इंच जमीन पर कब्जा नहीं कर सकता है।

अमित शाह ने कर्नाटक के देवनहल्ली क्षेत्र में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के नवनिर्मित भवनों के उद्घाटन पर ये बातें कही। इस दौरान अमित शाह ने पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (BPRD) के एक केंद्रीय जासूस प्रशिक्षण संस्थान (CDTI) की आधारशिला भी रखी।

गृह मंत्री ने अपने संबोधन में देश के प्रति समर्पित सेवा के लिए ITBP के ‘हिमवीरों’ की सराहना की और कहा कि सरकार जवानों की सेवा शर्तों को बेहतर बनाने के लिए हर संभव कदम उठा रही है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि ITBP बेहद कठिन परिस्थितियों में काम करती है और देश जवानों को ‘हिमवीर’ के नाम से जानता है। गृह मंत्री ने कहा, “ITBP हिमालय पर सबसे कठिन सीमाओं को दुर्गम परिस्थितियों में सुरक्षित रखते हुए राष्ट्र की उत्कृष्ट सेवा कर रही है। लोगों ने ITBP जवानों को ‘हिमवीर’ की उपाधि दी है जो पद्म श्री, पद्म विभूषण से भी बड़ा है।”

शाह ने कहा, “कोई भी भारत की एक इंच जमीन पर कब्जा नहीं कर सकता क्योंकि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के जवान सीमा की रक्षा कर रहे हैं।” बता दें कि अमित शाह की टिप्पणी 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सेना के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हुई झड़प के कुछ दिनों बाद आई है।

बता दें कि 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में पीएलए और भारतीय सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। इस दौरान भारतीय सैनिकों ने दृढ़ता से चीनी सैनिकों का मुकाबला किया। इस आमने-सामने की लड़ाई में दोनों पक्षों के कुछ सैनिकों को मामूली चोटें आईं। इसके बाद दोनों पक्ष तुरंत पीछे हटे। इसके बाद क्षेत्र में अपने (भारतीय) कमांडर ने शांति बहाल करने के लिए चीनी कमांडर के साथ फ्लैग मीटिंग की थी।

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बताया कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश में तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में LAC को पार करने और एकतरफा रूप से यथास्थिति बदलने की कोशिश की, लेकिन समय पर हस्तक्षेप के कारण वे अपने स्थानों पर वापस चले गए।

रक्षा मंत्री ने सदन में एक बयान देते हुए उच्च सदन को आश्वासन भी दिया था कि हमारी सेनाएं हमारी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस पर किए गए किसी भी प्रयास को विफल करना जारी रखेंगी।

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