• केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल, संचार और इलेक्ट्रोनिक्स तथा आईटी मंत्रालयों के लिए वार्षिक क्षमता निर्माण योजना आरंभ की
नई दिल्ली। केंद्रीय रेल, संचार और इलेक्ट्रोनिक्स तथा आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने आज रेल, संचार और इलेक्ट्रोनिक्स तथा आईटी मंत्रालयों के लिए वार्षिक क्षमता निर्माण योजना आरंभ की। यह वार्षिक योजना संगठनों, संस्थानों एवं व्यक्ति विशेषों के विकास के साथ साथ राष्ट्रीय प्राथमिकताओं, उभरती प्रौद्योगिकीयों, नागरिक केन्द्रीयता को ध्यान में रखते हुए क्षमता निर्माण एवं श्रमबल के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए तैयार की गई है।
डाकघरों, रेलवे, बीएसएनएल एवं कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के कर्मचारियों ने आईजीओटी कर्मयोगी प्रशिक्षण के अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि किस प्रकार इससे उन्हें अपनी क्षमताओं को विकसित करने, अपने रोजगार के प्रति उनकी समग्र मानसिकता में सुधार लाने और आम जनता को सरकार द्वारा दी जा रही सेवाओं को बेहतर तरीके से उपलब्ध कराने में उनके निष्पादन तथा क्षमता को बढ़ाने में मदद प्राप्त हुई है।
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केंद्रीय रेल, संचार और इलेक्ट्रोनिक्स तथा आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में रेलवे, डाक घरों, सीएससी तथा बीएसएनएल के 1000 से अधिक कर्मचारियों की गरिमामयी उपस्थिति, जिसमें रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष, एमईआईटीवाई के सचिव, डाक विभाग के सचिव, संचार के सचिव तथा क्षमता निर्माण आयोग के अध्यक्ष भी उपस्थित थे, को संबोधित करते हुए सभी कर्मचारियों को मिशन कर्मयोगी में उनके अच्छे निष्पादन के लिए बधाई दी।
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श्री वैष्णव ने कहा ‘‘चाहे, रेलवे हो या डाक विभाग, सीएससी या बीएसएनएल हो, सभी सेवा से संबंधित विभाग हैं और सेवा उद्योग को एक अलग प्रकार की मानसिकता की आवश्यकता होती है क्योंकि उनका ग्राहकों और हितधारकों के साथ निरंतर संवाद होता है जिसका ग्राहकों एवं समस्त नेटवर्क पर गहरा प्रभाव पड़ता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमेशा कहते हैं “दिमाग कभी कोई समस्या नहीं होती, मानसिकता जरुर समस्या होती है” और इसीलिए हमें हमारी मानसिकता को समाधान केंद्रित बनाने की आवश्यकता है।
समस्याओं का सामना सभी लोगों को करना पड़ता है लेकिन हम इन समस्याओं का सामना किस प्रकार करते हैं, वह महत्वपूर्ण है और यही सफलता और विफलता के बीच अंतर पैदा करता है। हमारे विचार हमारे कार्यों पर हावी होते हैं और ये कार्य ही हमारे भाग्य का सृजन करते हैं।”
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श्री वैष्णव ने यह भी कहा ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत सभी चारों विभागों में भारी निवेश किया जा रहा है और हमारे पास दीर्घ अवधि की निवेश योजनाएं हैं क्योंकि वे ही ‘विकसित भारत’ की नींव रखेंगी। हमें अपना उत्साह बनाये रखना चाहिए और अपने प्रदर्शन से कभी संतुष्ट नहीं होना चाहिए तथा हमेशा उच्चतर लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में कार्य करना चाहिए। वर्ष 2047 तक हमें एक विकसित भारत का निर्माण करने की आवश्यकता है और हम सभी को मिल कर इस लक्ष्य को अर्जित करने की दिशा में काम करना है।”
रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा ने कहा, वार्षिक क्षमता निर्माण योजना का हिस्सा बनना गर्व का क्षण है। सबसे बड़ा नागरिक नियोक्ता होने के नाते, भारतीय रेलवे के पास एक मजबूत प्रशिक्षण योजना होनी चाहिए और हमारी सेवा वितरण में सुधार करने के लिए सभी कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना और उनकी क्षमता बढ़ाना बहुत महत्वपूर्ण है।
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जया वर्मा सिन्हा ने क्षमता निर्माण योजना का मसौदा तैयार करने में भारतीय रेलवे की मदद करने के लिए क्षमता निर्माण आयोग को भी धन्यवाद दिया। रेलवे की वार्षिक क्षमता निर्माण योजना रेलवे बोर्ड के साथ साझेदारी में तैयार की गई है, और मुख्य कार्यों की पहचान की गई है और व्यक्तिगत और संगठनात्मक स्तर पर समग्र विकास के लिए दक्षताओं और आवश्यकताओं को रेखांकित किया गया है।
दूरसंचार विभाग के सचिव ने कहा, हम प्रशिक्षण प्रक्रिया को प्रकृति में अधिक गतिशील बनाने का प्रयास करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि यह एक बार की प्रक्रिया बनकर न रह जाए। हम लोगों को न केवल उनके वर्तमान कार्य प्रोफ़ाइल के लिए बल्कि उन सेवाओं के लिए भी प्रशिक्षित करना चाहेंगे जिनकी वे आकांक्षा रखते हैं। हम प्रशिक्षण को नियम आधारित के बजाय जीवंत और अधिक भूमिका आधारित बनाएंगे।
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एमईआईटीवाई के सचिव ने कहा कि यह मंत्रालय में सबसे निचले स्तर तक एक विस्तृत अभ्यास है। 6000 से अधिक अधिकारियों ने 8000 पाठ्यक्रम शुरू किए हैं और हम बड़े पैमाने पर सरकार के लिए सामग्री बनाने में मदद कर रहे हैं। मुख्य परिणाम सीएससी के लिए प्रशिक्षण रहा है। प्रशिक्षण से महत्वपूर्ण अंतर आया है और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि नियमित रूप से नए पाठ्यक्रम जोड़े जाएं।
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डाक विभाग के सचिव ने कहा, शुरू से ही हम प्रशिक्षण में सक्रिय रूप से शामिल थे और 22 जून 2022 को, हमने एक ‘डाक कर्मयोगी पोर्टल’ लॉन्च किया और आज हम एक अच्छे चरण में हैं। प्रशिक्षण के माध्यम से सेवा वितरण में भूमिका आधारित सुधार के लिए 1.25 लाख से अधिक कर्मचारी शामिल हुए। हम राष्ट्रीय स्तर को ध्यान में रखते हुए प्रौद्योगिकी सक्षम कार्यबल सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि ज्ञान विशेषज्ञों के माध्यम से मांग पर प्रशिक्षण हो। हमने मास्टर ट्रेनर और डोमेन विशेषज्ञ तैयार किए हैं।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी