मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अनेक महत्वपूर्ण अवसरों को प्रदेश के विकास से जोड़कर व्यापक बना देते है। परम्परा के अनुसार स्थापना दिवस निर्धारित समारोह तक सीमित रहते है। लेकिन योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस में अवनरत विकास को भी समाहित कर दिया। अनेक योजनाएं इन आयोजनों पर लागू की गई। उनका लगातार क्रियान्वयन चल रहा है।
योगी आदित्यनाथ ने 24 जनवरी,2018 को प्रथम उत्तर प्रदेश दिवस समारोह का शुभरम्भ किया था। उस समारोह में एक जनपद,एक उत्पाद योजना प्रारम्भ की गयी थी।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के औद्योगिक विकास के निरन्तर प्रयासों की अभिनव कड़ी के रूप में राज्य सरकार द्वारा ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना प्रारम्भ की गयी। इसका उद्देश्य राज्य के विभिन्न जनपदों के परम्परागत और विशिष्ट पहचान वाले उत्पादों को प्रोत्साहित कर युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराना है। वर्तमान में यह योजना देश की सर्वाधिक लोकप्रिय योजनाओं में से एक है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ की सराहना की है। इस योजना में प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करने में सहायक है। केन्द्रीय बजट में भी इस योजना को सम्मिलित किया गया है। द्वितीय ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ के अवसर पर राज्य सरकार द्वारा ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ प्रारम्भ की गयी थी। यह योजना स्थानीय दस्तकारों तथा पारम्परिक कारीगरों के कौशल विकास हेतु संचालित की जा रही है। इसके अन्तर्गत पारम्परिक कारीगरों के आजीविका के साधनों का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। तृतीय ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ के अवसर पर अटल आवासीय विद्यालय की स्थापना की योजना का शुभारम्भ किया गया था।
कारीगरों का सम्मान
इस बार योगी आदित्यनाथ ने स्थापना दिवस कार्यक्रम में एक जनपद,एक उत्पाद, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना,उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड से सम्बन्धित उद्यमियों व हस्तशिल्पियों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि यह योजनाएं प्रधानमंत्री की ‘वोकल फाॅर लोकल’ की संकल्पना को आगे बढ़ा रही हैं। प्रदेश के सभी मण्डलों में अटल आवासीय विद्यालय स्थापित किये जा रहे हैं। नवोदय विद्यालयों की तर्ज पर संचालित किये जाने वाले इन आवासीय विद्यालयों में रजिस्टर्ड श्रमिकों के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा, आवास, भोजन आदि सुविधाएं उपलब्ध होगी।
आत्मनिर्भर भारत में UP
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है। कृषि, जल संसाधन के क्षेत्रों में इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य हुआ है। सूखाग्रस्त माने जाने वाले बुन्देलखण्ड व विन्ध्य क्षेत्र में ‘हर घर नल’ योजना कार्य कर रही है। वर्तमान राज्य सरकार द्वारा गन्ना किसानों को एक लाख पन्द्रह हजार करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया गया है। पर्यटन एवं संस्कृति क्षेत्रों के भी कार्य अत्यन्त उल्लेखनीय है। प्रयागराज कुम्भ-2019 के आयोजन को सुरक्षा, स्वच्छता एवं सुव्यवस्था ने विशिष्ट पहचान दी। यूनेस्को ने कुम्भ को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर कहा।
प्रयागराज कुम्भ-2019 के पश्चात प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से वृद्धि हुई। उत्तर प्रदेश ने कोरोना प्रबन्धन के क्षेत्र में उदाहरण स्थापित किया है। राज्य ने यह साबित किया है कि किसी भी आपदा का मुकाबला टीमवर्क एवं दृढ़ इच्छा शक्ति के माध्यम से किया जा सकता है। लाॅकडाउन के दौरान प्रदेश में अन्य राज्यों से चालीस लाख से अधिक श्रमिक व कामगार वापस आये। राज्य सरकार ने इनके रहने व खाने की व्यवस्था की। प्रदेश सरकार द्वारा ‘उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक सेवायोजन एवं रोजगार आयोग’ का गठन किया गया है।
प्रगति के MOU
मुख्यमंत्री ने एमएसएमई विभाग के ‘उद्यम सारथी’ एप का लोकार्पण किया। उन्होंने ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना की प्रगति के सम्बन्ध में एक रिपोर्ट का विमोचन भी किया। इस अवसर पर स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया के सीजीएम अजय कुमार खन्ना एवं अपर मुख्य सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल के मध्य ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना के सम्बन्ध में एक एमओयू का हस्तान्तरण किया गया।
अपर मुख्य सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल एवं इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग के डायरेक्टर संजीव आनन्द के मध्य ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ के उत्पादों की पैकेजिंग के सम्बन्ध में एक अन्य एमओयू का हस्तान्तरण किया गया। उद्यम सारथी एप के माध्यम से एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ के सम्बन्ध में समस्त जानकारी प्राप्त की जा सकती है।