• विश्व टीबी दिवस पर आयोजित हुई संगोष्ठी
• 45 क्षयरोगियों को मिला पोषाहार
औरैया। जनपद में शुक्रवार को विश्व टीबी दिवस मनाया गया। इस दिवस पर सभी स्वास्थ्य केंद्रों और उपकेन्द्रों पर तपेदिक यानि क्षय रोग के बारे में लोगों को जागरूक किया गया। इसी क्रम में जिला क्षय रोग केंद्र में मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अध्यक्षता में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
संगोष्ठी में क्षयरोग के लक्षण और इलाज के बारे में जागरूक किया गया। इसके साथ ही कार्यक्रम में 45 क्षयरोगियों को पोषाहार वितरण किया गया। जनपद के निक्षय मित्र ज्यांट्स ग्रुप ऑफ औरैया व गैल इंडिया लिमिटेड को भी सम्मानित किया गया।
👉 विश्व टीबी दिवस पर निकाली गई जान जागरूकता रैली
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अर्चना श्रीवास्तव ने कहा कि वर्ष 2025 तक जनपद समेत पूरे देश से क्षय रोग समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित है। इसी क्रम में शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में जागरूकता संबंधी विविध गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं।
उन्होंने कहा टीबी के क्षेत्र में बढि़या काम हुआ है। पहले के मुकाबले मृत्यु दर में काफी कमी आई है। उम्मीद है कि जल्द ही जिले में टीबी पर काबू पा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि टीबी उन्मूलन में जन भागीदारी बहुत ही जरूरी है। अगर लोग सहयोग करें तो यह बीमारी समय से पहले खत्म हो सकती है।
जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ संत कुमार ने कहा कि आज वर्ड टीबी डे मनाने का उद्देश्य ही यही है कि लोगों को इस बीमारी के बारे में पूरी तरह जागरूक किया जाए और लक्षण वाले या संक्रमित व्यक्ति का तत्काल इलाज शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि बताया कि इस साल विश्व क्षय रोग दिवस की थीम है, हां! हम टीबी खत्म कर सकते हैं। यह थीम तभी सार्थक होगी। जब इस रोग की समाप्ति के लिए समाज का हर व्यक्ति सहयोग करे।
👉राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने का फैसला स्वागत योग्य- भूपेन्द्र सिंह चौधरी
अधिकाधिक लोग निक्षय मित्र के रूप में क्षय रोगियों को गोद लें और उन्हें क्षय रोग से स्वस्थ बनाने में सहयोग करें। उन्होंने बताया कि इसके मद्देनजर अब हर माह की 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस मनाया जा रहा है। इन दिवस पर तत्काल जांच और तत्काल इलाज शुरू करने की व्यवस्था है। इससे लोगों को काफी फायदा हो रहा है।
उप जिला जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एपी सिंह ने बताया कि किसी व्यक्ति में क्षय रोग की पुष्टि हो जाने पर मरीज को 500 रुपए पोषण राशि दी जाती है। यह राशि निक्षय योजना के तहत मिलती है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 में अब तक पांच सौ से अधिक मरीज खोजे गए हैं। उन्होंने बताया जनपदवा के सक्षम लोगों और संस्थाओं से टीबी मरीजों को गोद लेने की अपील की है।
उन्होंने बताया की पिक्ली वर्ष हुए सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान में 20 प्रतिशत आबादी की स्क्रीनिंग कर 1977 संभावित टीबी रोगी खोजे गए जिनकी बलगम की जांच करवाने पर 81 में टीबी की पुष्टि हुई।
इस मौके पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ अरविंद सिंह कुशवाहा, जिला कार्यक्रम समन्वयक, जिला पीपीएम समन्वयक सहित ज्यांट्स ग्रुप ऑफ औरैया से रोहित अग्रवाल, ज्ञान सक्सेना, भीम सक्सेना, नितिन वर्मा एवं गैल इंडिया लिमिटेड के नवीन कुमार, पौल थॉमस, समरेश राय, प्रतीक तिवारी, ऋषि, ऋषभ व अन्य लोग मौजूद रहे।
रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर