लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के कार्यों की समीक्षा की। बैठक में बुंदेलखंड, नैमिषारण्य में पर्यटन की संभावना और लोगों के आवागमन की संख्या बढ़ाने पर मंथन किया गया। इन क्षेत्रों में पर्यटन विकास व फुटफाल बढ़ाने के लिए कंसल्टेंट्स द्वारा किए गए अध्ययन व शोध का प्रस्तुतिकरण दिया गया।
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उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ाने के लिए सूक्ष्म, लघु एवं दीर्घ कालिक ऐक्शन प्लान तैयार करें। हैरिटेज साइट को पीपीपी मोड पर डेस्टिनेशन होटल, रिजॉर्ट्स, म्यूजियम, फुडकोर्ट आदि के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि कई धार्मिक स्थलों या हैरिटेज साइट को जोड़कर एक टूर पैकेज तैयार कर लोगों को भ्रमण कराया जा सकता है।
इन स्थानों से संबधित त्योहारों या संस्कृति से संबंधित एक्टिविटी कराएं। लोगों को जागरूक करने व उनके अंदर इन स्थानों पर जिज्ञासा उत्पन्न करने के लिए ब्लॉग लिखवाएं और सोशल मीडिया पर व्यापक प्रचार प्रसार कराएं। इन स्थानों पर बच्चों को पिकनिक पर भेजा जा सकता है।
मुख्य सचिव ने कहा कि जिन परियोजनाओं का कार्य एक दो माह में पूरा हो सकते हैं, उन्हें जल्द से जल्द पूरा कराया जाए और पूरा होने के बाद उसका पर्यटन पर क्या प्रभाव पड़ा उसका भी अध्ययन किया जाए। सभी स्थानों पर मूलभूत जरूरतों जैसे शौचालय, पेयजल, बिजली, बैठने हेतु बेंच आदि की व्यवस्था अवश्य होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग द्वारा साइनेज के लिए मानक तय किए जाएं। पर्यटन के साइनेज में एकरूपता हो। सभी साइनेज का रंग और आकार एक हो और साइनेज में शब्द से ज्यादा स्थान की फोटो को जगह दी जाए। पर्यटन पर आधारित एक मासिक ई-बुलेटिन तैयार करायें। ई-बुलेटिन एक स्टैण्डर्ड फार्मेट बनायें, जिसमें जनपद में होने वाली विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों, प्रमुख दर्शनीय स्थलों, हेरीटेज साइट्स, खाने की जगह आदि का उल्लेख किया जाये।
मुख्य सचिव ने ब्लॉगर्स और रील्स आदि पर आधारित कंपटीशन कराने का सुझाव दिया। इसके अलावा जनपदों के मध्य भी इस कार्य में प्रतिस्पर्धात्मक माहौल तैयार करने के लिए भी एक कार्ययोजना तैयार की जाए, अच्छा कार्य करने वाले जिलाधिकारियों को सम्मानित किया जाए। बैठक में प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम, प्रमुख सचिव लोक निर्माण अजय चौहान सहित संबंधित विभागों के अन्य अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।