सूत्रों के मुताबिक सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, बिशन सिंह चुफाल और यशपाल आर्या नाराज चल रहे हैं. नाराजगी की वजह वरिष्ठता को दरकिनार करना बताया जा रहा है. ये भी कहा जा रहा है कि यशपाल आर्या के घर पर चार मंत्रियों की बैठक भी हुई है.
हालांकि बीजेपी के वरिष्ठ नेता बंशीधर भगत ने बीजेपी विधायकों में नाराजगी की खबरों को अफवाह बताया है. उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी नेता पार्टी के साथ खड़े हैं.
भाजपा पांच साल के कार्यकाल में तीन-तीन सीएम बदल चुकी है। इसके साथ ही पांच साल के कार्यकाल में कई ऐसे मौके आए हैं, जो भाजपा को असहज करने वाले हैं। इन तमाम सवालों के जवाब के साथ नए सीएम को जनता की अदालत में जाना है और उसमें कामयाब होकर भी दिखाना है।
कोविड 19 महामारी के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था पटरी से उतरी हुई है। राज्य के पास कोविड से लडाई, नए विकास कार्यों के लिए धन की किल्लत है। नए सीएम को कोविड से प्रभावित लोगों को राहत भी देनी है और विकास की गाड़ी को भी तेजी से आगे बढ़ाना है।
उत्तराखंड के बारे में मशहूर है कि यहां सरकार से ज्यादा नौकरशाही का राजपाट चलता है। आए दिन मंत्री-सचिवों के बीच होने वाली खटपट इसे साबित भी करती है। त्रिवेंद्र सरकार में सबसे कद्दावर माने जाने वाले मदन कौशिक, सतपाल महाराज, यशपाल आर्य, हरक सिंह रावत, राज्यमंत्री रेखा आर्य के विवाद तो खूब सुर्खियों में भी रहे।
मुख्यमंत्री का नाम फाइनल होने के बाद पुष्कर सिंह धामी राजभवन पहुंचे और उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया. इस दौरान उनके साथ कई विधायक भी मौजूद रहे. पुष्कर सिंह खटीमा से दो बार विधायक रह चुके हैं.