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Rafale की रफ्तार और R-37M मिसाइल का वार: रूस ने भारत को दिया किलर हथियार बनाने का ऑफर

अमेरिका के दुश्मन रूस ने भारत को विनाशक R-37M मिसाइल विकसित करने का ऑफर दिया है। रूसी हथियार कंपनी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट (ROE) ने इसकी पुष्टि की है। यूरेशियन टाइम्स के मुताबिक ROE ने कहा है कि रूस और भारत “आधुनिक गाइडेड एयरक्राफ्ट मिसाइलों के ज्वाइंट डेवलपमेंट और प्रोडक्शन” पर चर्चा कर रहे हैं। ये एक बहुत बड़ी खबर है क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप भारत पर अमेरिकी हथियारों के अधिग्रहण के लिए प्रेशर बनाने की कोशिश कर रहे हैं। ROE ने कहा है कि सिर्फ मिसाइलों के निर्माण को लेकर ही नहीं, बल्कि दोनों देश मिसाइलों के उत्पादन के बाद ब्रह्मोस मिसाइल की ही तरह उसे किसी तीसरे देश को बेचने की संभावना पर भी बात कर रहे हैं।

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ROE ने कहा है कि हथियारों के निर्यात के साथ साथ दोनों देशों के बीच टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का इतिहास रहा है और रूस हमेशा से भारत को टेक्नोलॉजिकल सहयोग देता रहा है। रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के पुराने अनुमानों के मुताबिक साल 2030 तक टेक्नोलॉजिकल कॉन्ट्रैक्ट, सैन्य उत्पादों के वैश्विक बाजार का 40% हिस्सा होंगे, जो मौजूजदा समय में 20 प्रतिशत के करीब है। रोसोबोरोनएक्सपोर्ट का लक्ष्य वैश्विक बाजार में तकनीकी साझेदारी का विस्तार करना है। और भारत से ज्यादा विश्वसनीय पार्टनर उसे और कहां मिलेगा।

Rafale की रफ्तार और R-37M मिसाइल का वार: रूस ने भारत को दिया किलर हथियार बनाने का ऑफर

यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि एयरो इंडिया 2024 के दौरान अपुष्ट रिपोर्टों से पता चला है कि अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस स्थानीय स्तर पर R-73E मिसाइलों का भारत में उत्पादन करेगी। हालांकि अडानी डिफेंस की तरफ से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, न ही कंपनी की वेबसाइट पर इस प्रोजेक्ट को लेकर कोई जानकारी है। लेकिन रूस की तरफ से भारत को दुनिया की सबसे लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों में से एक आर-37 एम की पेशकश, भारतीय डिफेंस सेक्टर के लिए स्वागत का सौदा है। नाटो ने इस मिसाइल को AA-13 Axehead नाम दिया हुआ है।

इस मिसाइल को लड़ाकू विमान, AWACS, टैंकर विमान और दुश्मन लड़ाकू विमानों जैसे उच्च मूल्य वाले हवाई लक्ष्यों पर हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है। R-73E मिसाइल एक Beyond Visual Range (BVR) मिसाइल है। जिसका मतलब ये होता है कि ये हवा में दुश्मन के टारगेट को ट्रैक किए बिना उसपर हमला करने की क्षमता के लिए जानी जाती है। जिसकी वजह से R-73E दुश्मनों के लिए विनाशक मिसाइल बन जाती है।

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R-73E मिसाइल से हवा से हवा में 300 से 400 किलोमीटर के लक्ष्य पर हमला किया जा सकता है। जिससे यह दुनिया की सबसे लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों में से एक बन गई है। ये हाइपरसोनिक स्पीड से उड़ान भरती है। इसकी स्पीड मैक 6 तक की मापी गई है, यानि आवाज की रफ्तार से 6 गुना ज्यादा स्पीड। इसके अलावा ये मिसाइल अपने साथ काफी ज्यादा पेलोड यानि बारूद लेकर उड़ान भर सकती है, जिससे ये मिसाइल काफी विनाशक बन जाती है।

इस मिसाइल से दुश्मन के विमानों को लंबी दूरी से ही मार गिराने की क्षमता भारत को हासिल होती है, जिसे हवा की लड़ाई में भारत का हवाई प्रभुत्व बढ़ता है। ये मिसाइल हवाई खतरों के खिलाफ भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करती है। खासकर उच्च तनाव वाले क्षेत्रों में भारत की हमला करने की क्षमता और मजबूत होती है। इसके अलावा इस मिसाइल को भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों, जिनमें Su-30MKI, राफेल (Rafale) फाइटर जेट और भविष्य के दूसरे एयरक्राफ्ट में लैस किया जा सकता है।

रूस ने R-73E मिसाइल के कई वैरिएंट विकसित किए हुए हैं, जिनमें R-73M, R-74, RVV-MD, K-74M और K-74M2 शामिल हैं। माना जा रहा है कि रूस के ऑफर से भारत के एक और दोस्त फ्रांस, जहां राफेल फाइटर जेट को बनाया गया है, उसे मिर्ची लग सकती है। बहुत संभव है कि फ्रांस, राफेल में इस मिसाइल को लगाने का विरोध भी करे। हालांकि फ्रांस के साथ भारत के अच्छे संबंध हैं और हो सकता है कि नई दिल्ली और पेरिस के बीच इस मिसाइल को लेकर भी समझौता हो जाए।

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