लखनऊ। कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद किसी को नींद नहीं आ रही तो कोई अवसाद से परेशान है। संक्रमण के बाद स्वस्थ हो रहे रेलकर्मियों और उनके परिवार के सदस्य ऐसी ही कई समस्याओं से जूझ रहे हैं।
रेलवे अब ऐसे लोगों को मानसिक रूप से स्वस्थ करेगा। इसके लिए मंडल रेल अस्पताल यानी कोविड केयर सेंटर में एक पोस्ट कोविड वार्ड बना दिया गया है, जहां रेलकर्मियों और उनके परिवार के सदस्यों को भर्ती किया जाएगा।
इस बार भी बड़ी संख्या में रेलकर्मी और उनके परिवार के सदस्य कोरोना से संक्रमित हुए हैं। हालांकि दो अधिकारियों सहित उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में ही करीब 100 रेलर्मियों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोको पायलट व अन्य विभागों में तैनात रेलकर्मी अपने परिवार के सदस्यों को खो चुके हैं। अब स्वस्थ होकर अपने घरों को वापस गए कई कर्मचारियों ने रेलवे डाक्टर से सम्पर्क किया है।
इसमें कई कर्मचारियों को नींद न आने और अवसाद जैसी समस्या से जूझने के मामले भी सामने आए हैं। साथ ही थकान, बदन दर्द लगातार बने रहने के मामले भी सामने आए हैं। ऐसे में रेलवे ने समय रहते इनके उपचार की व्यवस्था शुरू कर दी है।
अस्पताल के चेस्ट रोग वाले हिस्से के वार्ड में पूर्व की तरह कोरोना संक्रमित रोगी ही भर्ती होंगे, जबकि इसके दूसरे हिस्से में 30 बेड का पोस्ट कोविड वार्ड बनाया गया है, जहां कोविड से ठीक हुए मरीजों को स्वस्थ होने के बाद होने वाली परेशानियों पर भर्ती किया जाएगा।
रेलवे के डाक्टर इनकी काउंसिलिंग करेंगे। जल्द ही अस्पताल में संविदा पर मनोरोग विशेषज्ञ की भी तैनाती की जाएगी। डीआरएम मुख्यालय ने पोस्ट कोविड वार्ड के डाक्टर की तैनाती का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड भेज दिया है।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी