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अभिनेता बनने से पहले कुली और बस कंडक्टर की नौकरी करते थे रजनीकांत

सुपरस्टार रजनीकांत आज अपना 70वां जन्मदिन मना कर रहे हैं। रजनीकांत को उनके जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई देते हुए कहा, “प्रिय रजनीकांत जी, जन्मदिन की शुभकामनाएं। आपके दीर्घायु एवं स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं।”

वर्ष 1950 में बेंगलुरू में रजनीकांत का जन्म मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। काफी अभावों के बीच उनके एक आदमी से सुपरस्टार बनने तक की उनकी कहानी लोगों के लिए बेहद प्रेरणादायक है।

रजनीकांत (Rajinikanth) के बचपन का नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है। और उनके पिता रामोजी राव गायकवाड़ एक हवलदार थे। उनकी मां जीजाबाई की मृत्यु बचपन में ही हो गई थी। चार भाई-बहनों में सबसे छोटे रजनीकांत को जब अहसास हुआ कि घर की माली हालत ठीक नहीं है, तो उन्होंने परिवार को सहारा देने के लिए कुली का काम किया। उसके बाद कुछ दिनों तक बस कंडक्टर के तौर काम किया। तब उनके टिकट काटने और सिटी बजाकर सवारी बुलाने के अंदाज पर सभी दीवाने थे।

उन्हें अभिनय करने का काफी शौक था, जिसके लिए वो अक्सर नाटकों में हिस्सा लेते थे। अपने इस शौक को पूरा करने के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ चेन्नई के अद्यार फिल्म इंस्टीट्यूट में दाखिला ले लिया। एक नाटक के दौरान मशहूर फिल्म निर्देशक के. बालाचंदर की नजर रजनीकांत पर पड़ी और वो रजनीकांत से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने रजनीकांत को फिल्म का किरदार निभाने का प्रस्ताव दे डाला।

रजनीकांत ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत 1975 में आई तमिल फिल्म ‘अपूर्वा रागंगाल’ से की। इस फिल्म में उन्होंने विलेन का किरदार निभाया जिसके बाद फिर उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा। कॉलेज मैगजीन के लिए इंटरव्यू लेने के दौरान संपर्क में आयी एथीरात कॉलेज की छात्रा लता से रजनीकांत ने 26 फरवरी 1981 को आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में विवाह कर लिया।

रजनीकांत की दो बेटियां ऐश्वर्या रजनीकांत और सौंदर्या रजनीकांत हैं, जबकि पत्नी लता ‘द आश्रम’ नाम से एक स्कूल चलाती हैं। बेटी ऐश्वर्या की शादी धनुष के साथ और छोटी बेटी की शादी तमिल फिल्म निर्देशक, निर्माता और ग्राफिक डिजाइनर के साथ हुयी है।

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