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संकट से मुकाबले में राज्यपालों की भूमिका

डॉ दिलीप अग्निहोत्री

राज्यपाल संबंधित प्रदेश का संवैधानिक प्रमुख होता है। लेकिन आपदा काल में सामान्य नागरिक से लेकर राज्यपाल तक सभी की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। कोरोना गाइडलाइन का पालन करना व समय आने पर वैक्सीन टीका लगवाना सामान्य नागरिकों का दायित्व है। इसी के साथ राज्यपाल अपनी संवैधानिक भूमिका के अनुरूप सकारात्मक योगदान कर सकते है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि राज्यपाल सरकार एवं समाज के बीच महत्वपूर्ण कड़ी है।

राज्यपाल आपसी समन्वय बनाकर कोविड के नियंत्रण हेतु हर स्तर पर जागरूकता अभियान चलाएं जाए। इस कार्य को सफल बनाने में एनसीसी, एनएसएस,रेड क्रास, सामाजिक संगठन तथा विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। अभियान को सफल बनाने के लिए हमें समाज के हर व्यक्ति को इस अभियान में शामिल करना होगा। उचित होगा कि हम माइक्रों कंटेंटमेंट जोन पर अधिक बल दें। हमें हर हाल में कोरोना के बढ़ते प्रभाव को रोकना है। जनभागीदारी को प्रोत्साहित करना है। इसमें हमारे राज्यपालों की महत्वपूर्ण भमिका हो सकती है।

उप राष्ट्रपति का आह्वान

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री,गृहमंत्री एवं देश के समस्त राज्यपालों के साथ वर्चुअल बैठक हुई। उप राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले एक साल से कोविड के खिलाफ देश व्यापी अभियान चल रहा है, जिसमें हमने सफलता भी पायी, लेकिन यह दूसरा स्ट्रेन देश में तीव्र गति से बढ़ रहा है। जिस पर हमें काबू पाने के लिये सभी सुरक्षात्मक उपायों के साथ साथ सामाजिक सहभागिता के साथ कार्य करना होगा।

राज्यपाल ने दी जानकारी

कोरोना टीका उत्सव की अवधि सीमित थी,लेकिन इसके माध्यम से वैक्सीनेशन का व्यापक सन्देश देने का प्रयास किया गया। गाइडलाइन के अनुरूप जिनका वैक्सिनेशन नहीं हुआ,उनको भी प्रेरणा दी गई। उत्तर प्रदेश में कोरोना टीका उत्सव को सफल बनाने के लिए अनेक स्तर पर प्रयास किये गए थे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए जिला प्रशासन को दिशा निर्देश जारी किए थे। राज्यपाल की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया गया था। इसमें मुख्यमंत्री सहित अनेक पार्टियों के नेता शामिल हुए थे। इसके अलावा मुख्यमंत्री व राज्यपाल ने प्रदेश के धर्म गुरुओं से भी संवाद किया था। जिसमें उनसे वैक्सिनेशन व गाइडलाइन पर अमल हेतु लोगों को जागरूक बनाने की अपील की गई थी। इस बैठक के भी सकारात्मक परिणाम हुए। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने इस संबन्ध में उपराष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को वर्चुअल माध्यम से जानकारी दी।

शिक्षण संस्थानों का योगदान

राज्यपाल द्वारा टीका उत्सव को सफल बनाने के लिए प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालयों के कुलपतियों,कुलसचिवों के साथ टीका उत्सव प्रारंभ होने से पहले ही वर्चुअल मीटिंग की गयी थी। उन्होंने विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया था कि वे एक कार्य योजना बनाकर विश्वविद्यालय एवं उससे सम्बद्ध लगभग पचास हजार से अधिक महाविद्यालयों के छात्रों के माध्यम से उनके अभिभावकों, जनप्रतिनिधियों एवं स्वंयसेवी संस्थाओं को जोड़कर प्रत्येक ग्राम सभा में जनसामान्य को प्रेरित कर टीकाकरण कराएं।

इस संबंध में प्रदेश के विश्वविद्यालयों के माध्यम से सैंतालिस हजार छह सौ इक्यासी लोगों का टीका उत्सव में टीकाकरण हुआ तथा दो लाख से अधिक लोगों को टीकाकरण हेतु प्रोत्साहित किया गया। मुख्यमंत्री के साथ कोरोना बचाव के संबंध में सर्वदलों,धर्मगुरूओं तथा नगर निगमों के मेयरों साथ बैठक बुलाई गई। इन बैठकों में सभी के सम्मिलित प्रयासों से ट्रेसिंग,टेस्टिंग और ट्रीटमेंट को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिये विस्तृत विचार विमर्श किया गया। शहरों की रिहायशी इलाकों में निगरानी समितियां बनाई गयी। लोगों को जागरूक करने के साथ साथ सरकारी तथा निजी अस्पतालों में इलाज की सुविधा तथा शुल्क की वसूली की माॅनटरिंग पर बल दिया गया है।

सभी राजनीतिक दलों ने कोरोना संक्रमण रोकने के लिये राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए सभी प्रकार का सहयोग देने पर सहमति दी गई है। इसके साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं आशा वर्कर के सहयोग से टीकाकरण को गति प्रदान की गई। प्रदेश में 1.5 लाख से अधिक डेडिकेटेड कोविड बेड्स की व्यवस्था की गयी तथा सभी जनपदों की प्रयोगशालाओं में दो लाख से अधिक प्रतिदिन जांचे की जा रही हैं। चौदह अप्रैल तक तीन करोड़़ छिहतत्तर लाख से अधिक जांचे की जा चुकी है।

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