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टीएमयू में बताई आईपीआर की आत्मनिर्भर भारत में भूमिका

मुरादाबाद। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूशन इन्नोवेशन सेल और केन्द्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय इन्नोवेशन सेल की ओर से फिजियोथेरेपी विभाग में आत्मनिर्भर भारत एवं राष्ट्र की सामाजिक और आर्थिक प्रगति में बौद्धिक संपदा अधिकार-आईपीआर की प्रासंगिकता पर एक दिनी वर्कशॉप यूनाइटेड एंड यूनाइटेड लॉ फर्म, दिल्ली की पेटेंट एसोसिएट डॉ पिंकी चक्रवर्ती ने फिजियोथैरेपी के छात्रों से बौद्धिक संपदा के लिए आईपीआर पर वर्कशॉप में अपने अनुभव साझा किए।

टीएमयू में बताई आईपीआर की आत्मनिर्भर भारत में भूमिका

उन्होंने बताया कि हम इसका स्वामित्व कैसे प्राप्त कर सकते हैं? उन्होंने छात्रों को पेटेंट और गैर-पेटेंट योग्य विषयों के बारे में भी विस्तार से समझाया। डॉ चक्रवर्ती ने केंद्र सरकार की ओर से जारी किए जाने वाले विभिन्न पेटेंट प्रमाण पत्रों के बारे में भी गहनाता से बताया। साथ ही पात्रता मानदंड और पेटेंट दाखिल करने के चरणों के बारे में भी बात की।

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डॉ पिंकी तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूशन इन्नोवेशन सेल और केन्द्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय इन्नोवेशन सेल की ओर से फिजियोथेरेपी विभाग में आत्मनिर्भर भारत एवम् राष्ट्र की सामाजिक और आर्थिक प्रगति में बौद्धिक संपदा अधिकार-आईपीआर की प्रासंगिकता पर आयोजित एक दिनी वर्कशॉप में बतौर मुख्य वक्ता बोल रही थीं।

टीएमयू में बताई आईपीआर की आत्मनिर्भर भारत में भूमिका

इससे पहले डॉ पिंकी चक्रवर्ती ने बतौर मुख्य वक्ता, यूनाइटेड एंड यूनाइटेड लॉ फर्म, दिल्ली की एडवोकेट वैष्णवी मिश्रा ने बतौर अतिथि वक्ता, फिजियोथैरेपी विभाग की एचओडी डॉ शिवानी एम कौल, डॉ शाज़िया मट्टू आदि ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके वर्कशॉप का शुभारम्भ किया। एचओडी डॉ शिवानी एम कौल ने वोट ऑफ थैंक्स दिया। अंत में सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया।

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एडवोकेट वैष्णवी ने छात्रों को आर्थिक विकास और सामाजिक विकास में आईपीआर की भूमिका के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने उल्लंघन मामलों के उदाहरण देकर उन्हें सरकार की ओर से कानूनी रूप से संरक्षित करने की प्रक्रिया के बारे में छात्रों को विस्तार पूर्वक समझाया। कार्यशाला का उद्देश्य स्टुडेंट्स को आत्म निर्भर बनने के लिए प्रेरित करना और आत्मनिर्भर भारत के तहत बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) की प्रासंगिकता और राष्ट्र के सामाजिक और आर्थिक विकास में इसकी भूमिका को समझाना था।

टीएमयू में बताई आईपीआर की आत्मनिर्भर भारत में भूमिका

कार्यक्रम में डॉ नंदकिशोर शाह, डॉ हिमानी, डॉ सोनम निधि, डॉ कोमल नागर, डॉ रणजीत तिवारी, डॉ नीलम चौहान के संग-संग बीपीटी के 200 से अधिक छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। संचालन फैकल्टी डॉ समर्पिता सेनापति ने किया।

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