औरैया। जनपद में शुक्रवार को आईजीआरएस की समीक्षा बैठक में विभिन्न माध्यमों से प्राप्त होने वाली शिकायतों की विभागवार समीक्षा कर उसके तत्काल निराकरण के निर्देश दिये गये, इसके साथ ही फरियादियों की शिकायतों का निपटारा गुणवत्तापूर्ण ढंग से करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में अपर जिलाधिकारी रेखा एस. चौहान ने कहा कि जन सामान्य की शिकायतों का निराकरण सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में एक है। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता एवं लापरवाही न बरती जाए।
जिलास्तरीय अधिकारी शिकायती पोर्टल आईजीआरएस, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन, ऑनलाइन प्राप्त संदर्भ का निस्तारण में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें, जिससे शिकायतकर्ता को चक्कर न लगाना पड़े। जनशिकायतों के निस्तारण की कार्यवाही की निर्धारित तिथि तक आख्या अपलोड करें। समीक्षा में पता चला कि तहसीलदार अजीतमल और अधिशासी अधिकारी बिधूना के पास नौ-नौ, जिला कृषि अधिकारी के पास आठ, एसडीएम अजीतमल और पूर्ति निरीक्षक अजीतमल के पास सात- सात, अधिशासी अभियंता सिंचाई के पास पांच, तहसीलदार औरैया के पास चार शिकायतें समय अवधि के उपरांत निपटारे के लिए लंबित पड़ी है।
जबकि तहसीलदार बिधूना के पास 144, जिला पंचायत राज अधिकारी के पास 130, पूर्ति निरीक्षक बिधूना के पास 130, पूर्ति निरीक्षक अजीतमल के पास 61, तहसीलदार औरैया के पास 61, तहसीलदार अजीतमल के पास 51, खंड विकास अधिकारी एरवा कटरा के पास 32, जिला कृषि अधिकारी के पास 13, अधिशासी अभियंता सिंचाई व अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड के पास दस-दस, खंड विकास अधिकारी औरैया के पास 70, खंड विकास अधिकारी बिधूना के पास 37, पूर्ति निरीक्षक औरैया के पास 27, परियोजना निदेशक डीआरडीए के पास 21 शिकायत निस्तारण हेतु लंबित पाई गई।
अपर जिला अधिकारी रेखा एस. चौहान ने कहा कि सभी अधिकारी माह के अंत तक सभी डिफाल्टर हो चुकी और होने वाली शिकायतों का शत-प्रतिशत निस्तारण करना सुनिश्चित करें। कुछ अधिकारियों की लापरवाही से जिले की रैंकिंग खराब हो सकती है। अतः कोई भी अधिकारी बिल्कुल भी लापरवाही ना बरतें। जो शिकायतें माह के अंत तक डिफाल्टर होने की श्रेणी में हों उन्हें प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किया जाए जिससे कि जिले के रंग कि पूरे प्रदेश पूरे प्रदेश कि पूरे प्रदेश पूरे प्रदेश में बेहतर हो सके। शिकायतों का निस्तारण पूरी गुणवत्ता पूर्ण तरीके से किया जाए ऐसा ना हो कि शिकायतकर्ता को बार-बार शिकायत करनी पड़े यदि जरूरत पड़े तो शिकायतकर्ता से बात भी की जाए। भूमि संबंधी शिकायतों को मौके पर जाकर निस्तारित किया जाए। बैठक में सभी संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी गण उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-अनुपमा सेंगर