गॉडफ्रे फिलिप्स के कार्यकारी निदेशक समीर मोदी ने अपनी मां वीणा मोदी पर खुद पर हमले की साजिश रचने का आरोप लगाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इससे दिवंगत केके मोदी के परिवार के सदस्यों के बीच विरासत का विवाद बढ़ गया। समीर मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि जसोला में गॉडफ्रे फिलिप्स की निर्धारित बोर्ड बैठक में घुसने का प्रयास करने पर उनकी मां के पीएसओ (सुरक्षाकर्मी) ने उनका हाथ पकड़कर उन्हें ‘गंभीर चोट’ पहुंचाई। सुरक्षा कर्मी ने ऐसा उनकी (वीणा मोदी) और कुछ अन्य बोर्ड निदेशकों के निर्देश पर किया।
समीर मोदी की मां वीणा मोदी ने पहले कंपनी में उनकी हिस्सेदारी खरीदने की पेशकश की थी। समीर मोदी ने खुद के साथ हुई घटना का जिक्र करते हुए बताया, “मैं मदद के लिए चिल्लाया और काफी हंगामे के बाद बोर्ड मीटिंग का दरवाजा खोला गया और मुझे अंदर जाने दिया गया। मैंने अपनी मां बीना मोदी को बताया कि क्या हुआ और कैसे मुझ पर हमला किया गया और मुझे गंभीर रूप से घायल किया गया, पर उन्होंने कोई सहानुभूति नहीं दिखाई।”
समीर मोदी ने कहा, “मेरे साथ सहानुभूति रखने के बजाय, उन्होंने मेरी नाजुक स्थिति पर कोई ध्यान नहीं दिया और मुझ पर चिल्लाते हुए कहा कि मैं बैठ जाऊं और बोर्ड की बैठक में शामिल होऊं। उन्होंने पीएसओ से कहा कि अब बहुत हो चुका, उनका यह कहना इस बात की पुष्टि करता है कि वह उन लोगों में से एक हैं जिन्होंने पीएसओ को मुझ पर हमला करने और घायल करने के निर्देश दिए थे।”
मोदी ने अपनी शिकायत में लिखा है कि हमले में उनके दाहिने हाथ की तर्जनी उंगली दो हिस्सों में टूट गई और इसके लिए एक स्क्रू और तार लगाने की जरूरत पड़ी, डॉक्टरों ने कहा है कि उनकी उंगली फिर कभी पूरी तरह काम नहीं कर पाएगी। उन्होंने शुक्रवार देर रात राजधानी में अपने न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित घर पर एक समाचारपत्र से बातचीत में कहा, “शेयरों पर विवाद का मामला अदालत में लंबित है, ऐसे में मैं अभी अपनी हिस्सेदारी नहीं बेचूंगा। मुझे बोर्ड से हटाने की कोशिश हो रही है, जो मैं नहीं होने दूंगा।”
दूसरी ओर, गॉडफ्रे फिलिप्स के प्रवक्ता ने समीर मोदी के आरोपों को खारिज किया है। उनकी ओर से कहा गया, “ये आरोप पूरी तरह से झूठे और नृशंस हैं।” उन्होंने कहा, ”कथित घटना बोर्ड कक्ष के बाहर हुई जब दोपहर करीब 12 बजे ऑडिट समिति की बैठक चल रही थी। यह घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद है, जो संबंधित जांच अधिकारियों को मुहैया कराई जा सकती है।”