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दो साल के बेटे को भारत में छोड़ इंग्लैंड जाने को तैयार नहीं सानिया मिर्जा

कोरोना के कारण भारतीय खिलाड़ी अलग-अलग तरह की परेशानियों का सामना कर रहे हैं. देश की स्टार टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा भी इन दिनों अपने बेटे को यूके साथ ले जाने के लिए संघर्ष कर रही हैं. सानिया को यूके में लगातार टूर्नामेंट खेलने हैं जिसकी वजह से उन्हें वहां लंबा समय बिताना है, ऐसे में वह बेटे को साथ ले जाना चाहती हैं. सानिया की अपील के बाद मदद के लिए अब खेल मंत्रालय आगे आया है.

टोक्यो ओलिंपिक से पहले सानिया को इंग्लैंड कई टूर्नामेंट्स में लगातार हिस्सा लेना है. सानिया को छह जून से नॉटिंघम ओपन, 14 जून से बर्मिंघम ओपन , 20 जून से ईस्टबोर्न ओपन और फिर 28 जून से साल का तीसरे ग्रैंड स्लैम विंबलडन में भाग लेना है. सानिया को इसके लिए वीजा दे दिया गया है लेकिन उनके बेटे और बेटे के केयरटेकर को अभी तक वीजा नहीं मिला है. सानिया का कहना है कि अपने बेटे के बिना यूके नहीं जा सकतीं.

खेल मंत्रालय यूके सरकार से कर रहा है बात

सानिया ने खेल मंत्रालय से अपने बेटे के वीजा को लेकर अपील की थी. इससे पहले खेल मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय से इस मामले में हस्तक्षेप का अनुरोध किया था. मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा था कि खेल मंत्रालय की टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) में शामिल सानिया ने मंत्रालय से अपने बेटे और उसकी देखभाल करने वाले के लिए वीजा दिलाने में मदद की अपील की है .सानिया ने कहा कि वह अपने दो साल के बेटे को अकेले छोड़कर एक महीने के लिए यात्रा नहीं कर सकती. इसमें कहा गया ,‘मंत्रालय ने तुरंत कार्रवाई करते हुए विदेश मंत्रालय से लंदन स्थित भारतीय दूतावास के जरिये इस मामले में मदद की अपील की है .’ इस पूरे मामले पर खेलमंत्री किरेन रीजिजू ने कहा है कि, ‘मैंने अनुरोध को मंजूरी दे दी और खेल मंत्रालय के अधिकारी विदेश मंत्रालय के संपर्क में हैं. हमें उम्मीद है कि ब्रिटिश सरकार बच्चे को सानिया के साथ यात्रा करने की अनुमति देगी.

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