शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने संयुक्त राष्ट्र संघ को पत्र लिखकर दिलचस्प मांग की है। उन्होंने एकनाथ शिंदे गुट की बगावत को याद करते हुए 20 जून की तारीख को ‘विश्व गद्दार दिवस’ के तौर पर मनाया जाए।
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बीते साल एकनाथ शिंदे और उनके 40 समर्थक विधायकों ने 20 जून को ही शिवसेना से बगावत की थी। इसके बाद सीएम रहे उद्धव ठाकरे को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। यही नहीं एकनाथ शिंदे गुट ने पार्टी पर भी दावा ठोक दिया था। लंबी चली लड़ाई के बाद चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को ही तीर कमान वाला पुराना सिंबल दे दिया था।
इसके साथ ही दो शिवसेना अस्तित्व में आ गईं। इनमें से एक का नेतृत्व उद्धव ठाकरे के पास है और दूसरे के नेता एकनाथ शिंदे पर है। शिवसेना की स्थापना बालासाहेब ठाकरे ने 1966 में की थी, जिसका विभाजन 56 सालों के बाद हुआ था। यह पहला मौका था, जब शिवसेना में ही टूट हो गई। इससे पहले छगन भुजबल, नारायण राणे और राज ठाकरे भी पार्टी से अलग हुए थे, लेकिन शिवसेना में बंटवारा नहीं हुआ था। इसी बंटवारे को लेकर आज तक उद्धव ठाकरे और उनके समर्थक एकनाथ शिंदे गुट को गद्दार बताते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इसी के चलते एकनाथ शिंदे गुट के 40 विधायक और 10 निर्दलीय हमारा साथ छोड़ गए। पार्टी को छोड़ने की शुरुआत 20 जून से ही हुई थी, जब एकनाथ शिंदे और उनके समर्थकों ने गुजरात में डेरा डाला था। इन लोगों ने उद्धव ठाकरे को ऐसे समय में धोखा दिया, जब वह बीमार थे और दो ऑपरेशन कराए थे।
हर किसी ने उनकी बीमारी का फायदा उठाया। इसलिए मैं अपील करता हूं कि 20 जून की तारीख को विश्व गद्दार दिवस के तौर पर मनाया जाए। यह ऐसे ही होगा, जैसे 21 जून को दुनिया भर में विश्व योग दिवस मनाया जाता है। यह दिन इसलिए घोषित होना चाहिए ताकि दुनिया गद्दारों को याद रखे।
इसी को लेकर संजय राउत ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटारेस के नाम पर खत लिखा है। उन्होने कहा, ‘मैं भारत के उच्च सदन के एक सदस्य और शिवसेना उद्धव ठाकरे के नेता के तौर पर यह प्रस्ताव देता हूं कि 20 जून की तारीख को विश्व गद्दार दिवस के तौर पर मनाया जाए।
20 जून को 40 विधायकों के एक बड़े ग्रुप ने भाजपा के उकसावे पर शिवसेना को छोड़ दिया था। कहा जाता है कि इन सभी ने बगावत के लिए 50-50 करोड़ रुपये की रकम ली थी। भाजपा ने महाविकास अघाड़ी की सरकार को गिराने के लिए सारे प्रयास किए।’