जिस साधु शोभन सरकार के सपने के आधार पर उन्नाव के ढौंडिया खेड़ा में आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) की टीम खजाने की खोज में जुटी थी, उनका बुधवार को निधन हो गया. शोभन सरकार के निधन से भक्तों में शोक की लहर है. कानपुर देहात के शिवली कोतवाली क्षेत्र के बैरी में बने उनके आश्रम में अंतिम दर्शन के लिए भक्त पहुंच रहे हैं.
गौरतलब है कि शोभन सरकार ने दावा किया था कि उन्हें सपने में फतेहपुर के रीवा नरेश के किले में शिव चबूतरे के पास 1000 टन सोने के दबे होने का पता चला है. इसके बाद ही साधु शोभन सरकार ने सरकार से सोना निकलवाने की बात कही थी. स्थिति तब हास्यास्पद हो गई जब सरकार ने उनके सपने को सच मानते हुए खजाने को खोजने के लिए खुदाई भी शुरू करवा दी. हालांकि कई दिनों तक चली खुदाई के बाद भी खजाना नहीं मिला.
बता दें एक साधु के सपने के आधार पर खजाने की खोज पर केंद्र व प्रदेश सरकार की खूब किरकिरी भी हुई थी. तत्कालीन विहिप के नेता अशोक सिंघल ने कहा था कि सिर्फ एक साधु के सपने के आधार पर खुदाई करना सही नहीं है. वहीं, खजाने के कई दावेदार भी सामने आ गए थे. राजा के वंशज ने भी उन्नाव में डेरा जमा दिया था. वहीं ग्रामीणों ने भी उस पर दावा किया था. जिसके बाद तत्कालीन केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया था कि खजाने पर सिर्फ देशवासियों का हक़ होगा. उधर तत्कालीन समाजवादी पार्टी की सरकार ने कहा था कि खजाने से निकली संपत्ति पर राज्य सरकार का हक होगा.