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कुष्ठ रोग के एक्टिव केस की खोज शुरू

  • निगरानी सर्वे प्रथम चरण की शुरुआत, लगाई गई 305 टीमें

कानपुर। जिले में कुष्ठ रोग की रोकथाम के लिए हर साल चलने वाले “एक्टिव केस डिटेक्शन एंड रेगुलर सर्विलांस फॉर लेप्रोसी” कार्यक्रम की शुरुआत शुक्रवार से हो गई। इसके लिए जिले भर में आशा, फ्रंट लाइन वर्कर और सुपरवाइजर लगाये गए हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नैपाल सिंह ने बताया कि कुष्ठ रोग की रोकथाम और कुष्ठ से ग्रसित मरीज़ो को उचित उपचार और देखभाल के उद्देश्य से सर्वे कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए सभी चिकित्सा अधीक्षकों और प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है।

जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ. महेश कुमार ने बताया कि कुष्ठ रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत “एक्टिव केस डिटेक्शन एंड रेगुलर सर्विलांस फॉर लेप्रोसी” कार्यक्रम के प्रथम चरण की शुरुआत 17 सितम्बर से की गई है। सर्वे कार्यक्रम में वर्ष 2019 -20 में मिले कुष्ठ के 375 एक्टिव केस के आधार पर सर्वे किया जायेगा। इसमें एक्टिव केस वाले सभी गावों का पूर्ण सर्वे किया जायेगा। शहरी क्षेत्रों में जिस घर में एक्टिव केस मिले थें उस घर के आस-पास के 300 घरों का सर्वे किया जायेगा। सर्वे के लिए 305 टीमें लगाई गई हैं। कार्यक्रम में फिजियोथेरेपिस्ट पूजा शर्मा व गुलाब कुमार, नॉन मेडिकल असिस्टेंट आर.पी. मौर्या सहयोगात्मक पर्यवेक्षण करेंगे।

जिला कुष्ठ परामर्शदाता डॉ. संजय यादव ने कहा कि सर्वे में कुष्ठ के मरीजों की स्थिति की जानकारी के साथ ही घर के सभी सदस्यों से कुष्ठ के लक्षणों के बारे में पूछा जायेगा जिससे कुष्ठ से ग्रसित व्यक्ति की पहचान कर उपचार शुरू किया जा सके। उन्होंने बताया कि इस कार्य में आशा के साथ मेल फ्रंट लाइन वर्कर भी लगाये जायेंगे।
क्या है कुष्ठ रोग – कुष्ठ रोग बहुत ही कम संक्रामक रोग है जो लैप्रे बैक्टीरिया के कारण होता है।

यह टी.बी. रोग की भांति ही फैलता है। कुष्ठ रोग से ग्रसित व्यक्ति के खाँसने या छींकने परउसकी स्वांस से निकलने वाले पानी की बूंदों से साथ लैप्रे बैक्टीरिया हवा से दूसरे व्यक्ति के शरीर में पहुँच जाता है। यह मुख्य रूप से चमड़ी और तंत्रिकाओं को प्रभावित करता है और धीरे-धीरे बढ़ता है। यह रोग किसी भी आयु में स्त्री व पुरुष किसी को भी हो सकता है। कुष्ठ रोग एम.डी.टी. दवाओं से ठीक हो सकता है और जल्दी इलाज से दिव्यांगता से बचा जा सकता है।

कुष्ठ रोग के लक्षण 
• शरीर पर सुन्न दाग होना।
• हथेली या पैर के तलवे में सुन्नता।
• नसों में सूजन, मोटापन या दर्द होना।
• हाथ, पैर, आँख में कमजोरी या विकृति।
• घाव जिसमें दर्द न हो।
• चेहरे, शरीर या काँ पर गाँठ, छाले या घाव होना।

जिस किसी को भी कुष्ठ रोग के लक्षण हों वह नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, जिला कुष्ठ अधिकारी कार्यालय या शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जा कर जाँच अवश्य कराएं।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेहर

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