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सनातन संगम न्यास के तत्वावधान में ​द्वितीय धम्मायोजन का आयोजन

• जो शाश्वत है वही सनातन- आचार्य प्रमोद कृष्णम

• प्रेम, करुणा, मैत्री, समानता व सद्भावना एवं समन्वय है सनातन- डॉ अतुल कृष्ण

लखनऊ। व्यक्ति बड़ा नहीं होता बल्कि विचार बड़ा होता है, भाव बड़ा होता है। दुनिया में जितने भी धर्म हैं, सही मायने में वो धर्म नहीं हैं, पूरी दुनिया में धर्म एक है। जब परमात्मा एक है तो धर्म अलगकृअलग कैसे हो सकते हैं। दुनियाभर में जितने भी धर्म हैं वह सब मानव निर्मित हैं, वह मत हैं, पंथ हैं, संप्रदाय हैं, उन्हें धर्म नहीं कह सकते।

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जो सत्य है वही शाश्वत है, जो शाश्वत है वही सनातन है क्योंकि सनातन परमात्मा द्वारा प्रदत्त है। उपरोक्त विचार शनिवार को गांधी समाभार में सनातन संगम न्यास के द्वितीय सनातनी धम्मायोजन में बोलते कल्की पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने व्यक्त​ किये।

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आगे कहा कि परमात्मा आदि, अनंत है। हमारी तो सीमाएं हैं, हमारा अंत भी है लेकिन परमात्मा अनंत है। हम परमात्मा के हिस्से हैं, इसलिए उनसे मिलने के​ लिए तड़पते रहते हैं। धरती, आकाश, पहाड़, नदिया, झरने आदि प्रकृति का स्वरूप परमात्मा प्रदत्त है। सनातन भी परमात्मा प्रदत्त है। सनातन लेने का नहीं बल्कि देने का नाम है। जो देता है वह दाता है, जो दाता है वही सनातन है।

आचार्य ने कहा कि हर व्यक्ति के जीवन में वह पल आता है जब वह पिता बनता है, दाता बनता है। एक बार कीर्तन करके देखो कि हे परमात्मा, हमें कुछ नहीं चाहिए, आपने हमें जो कुछ भी दिया है उसका बहुत धन्यवाद। लेने की ख्वाहिश छोड़ दो, देना सीखो, जिंदगी बदल जाएगी। जब आस्था कमजोर होती है तो परमात्मा पत्थर नजर आता है, जब आस्था मजबूत होती है तो पत्थर में परमात्मा नजर आता है। इसीलिए कहा गया है कि कणकृकण में भगवाान हैं। सनातन धर्म पर गोष्ठी आयोजित करने के लिए डॉ अतुल कृष्ण को साधुवाद।

इसके पूर्व कार्यक्रम का आरम्भ सनातनी पद्धति के अनुसार वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन पूजन के साथ हुआ। इसके बाद विभिन्न पंथों के धर्माचार्यों द्वारा बौध मत के थेरावादी व महायानी मंत्रोच्चारण का पवित्र पाठ हुआ। अ​भिषेक जैन ने टीम के साथ नमोवर मंत्र पाठ कर माहौल को भक्तिमय बना दिया।

सनातन संगम न्यास के संस्थापक डॉ अतुल कृष्ण ने बताया कि सनातन का अर्थ है, वह जो चिरकाल से है, जो शाश्वत है जो अपरिवर्तनीय है। जब इस शब्द का प्रयोग किसी दर्शन के संबंध में किया जाता है तो इसका अर्थ उन सिद्धांतों से होता है जो किसी व्यक्ति के द्वारा नहीं बनाए गए एवं स्वयं प्रकृति ने उन्हें मानव को उसके धर्म स्वरूप दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रकृति के द्वारा दिए गए सनातन मूल्य वे हैं जिन पर चलकर व्यक्ति अपना एवं संपूर्ण सृष्टि का मंगल कर सकता है।

यह सनातन मूल्य प्रेम, करुणा, मैत्री, समानता सद्भावना एवं समन्वय का हैं। उन्होंने कहा कि सनातन भावों का किसी की पूजा पद्धति से कोई संबंध नहीं है, प्राथमिक रूप से यह भाव लौकिक व्यवहार से संबंध रखते हैं। यदि इतिहास को देखा जाए तो सनातन धर्म की स्पष्ठ व्याख्या तथागत बुद्ध ले की थी। डॉ.अतुल कृष्ण ने आगे कहा कि आज आपसी टकराव के कारण जो अंधकार चारों ओर फैला है उसे मिटाने का काम सनातन संगम की यह ज्योति करेगी।

कार्यक्रम में संबोधित करते हुए प्रो बीएन मिश्रा ने कहा कि सनातन धम्मायोजन के लिए डॉ अतुल कृष्ण के सपने के कारण साकार हुआ है। इसमें पूर्व सांसद डॉ अशोक वाजपेयी और वरिष्ठ भाजपा नेता गोविंद नारायण शुक्ला का बहुत बड़ा सहयोग रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति सबसे निराली है, दुनिया को कुछ देने वाली है भारतीय संस्कृति, सनातन धर्म। सिटी मांटेसरी स्कूल की संस्थापिका, डॉ भारती गांधी ने संबोधन में कहा कि सभी धर्मों की आधारशिला एक है। सनातन का मतलब सत्य बोलना और सेवा करना है। सभी धर्मों में इन्हीं गुणों का समावेश है।

पूर्व सांसद डॉ अशोक वाजपेयी ने अपने संबोधन में कहा कि धर्म भले ही अलगकृअलग होते हैं, लेकिन उनका मूल एक होता है। सभी धर्मों को एक करने की आवश्यकता है। जब से सृष्टि का निर्माण हुआ है तभी से सनातन धर्म इसका संचालन कर रहा है। लोक कल्याण के लिए, लोकहित के लिए सनातन धर्म आवश्यक है। इसकी रक्षा के लिए सबकी एकजुटता जरूरी है। सनातन संस्कृति को सशक्त करने की आवश्यकता है। आज दुनियाभर में सनातन धर्मावलंबियों पर प्रहार हो रहा है, इसकी रक्षा के लिए संगठित होने की आवश्यकता है। सनातन धर्मावलंबियों को एक मंच पर लाने के लिए डॉ अतुल कृष्ण बधाई के पात्र हैं।

अध्यक्षीय भाषण में तरुणेश ने कहा कि सनातन धम्मायोजन के लिए डॉ अतुल कृष्ण का प्रयास प्रशंसनीय है। सनातन धर्म, जब से संसार है, तभी से है, सनातन धर्म लगातार प्रवाहमान है। सभी धर्मों का मूल आधार एक है, विचार एक है। जब तक संसार रहेगा, तब तक सनातन रहेगा। दुनिया के अन्य धर्म अपरिवर्तनीय हैं जबकि भारतीय धर्म परिवर्तनशील है। भारत भूमि में रहने वाला हर व्यक्ति भारतीय है, उसे भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए। अंत में सभी को सनातन धर्म में समाहित होना ही है। कार्यक्रम को वरिष्ठ भाजपा नेता गोविंद नारायण शुक्ला, भोजपुरी समाज के अध्यक्ष प्रभुनाथ राय, सीएमएस विद्यालय की संस्थापिका निदेशिका गीता गॉधी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ विवेक कुमार बफर ने किया।

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कार्यकम में देवेश कुमार दीक्षित, वरिष्ठ अधिवक्ता कृष्णा नन्द पाठक, अजय त्रिपाठी मुन्ना, युवा नेता ज्योतिरादित्य यादव, आदित्य बाजपेई, राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के सचिव भारत सिंह, कर्मचारी नेतना रूपेश कुमार, सरस्वती बालिका इण्टर कालेज इंदिरा नगर, माडर्न एकेडमी गोमती नगर के छात्र छात्राओं सहित तमाम अधिवक्ता, शिक्षक एवं गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

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