स्वतन्त्रता के पचहत्तर वर्ष होने पर अमृत महोत्सव का शुभारंभ किया गया था। इसके अंतर्गत स्वतन्त्रता संग्राम के समस्त प्रसंगों के नए सिरे से स्मरण की योजना बनाई गई थी। इस दौरान अनेक उपेक्षित घटनाएं भी सकारात्मक रूप में उजागर हुई। इस प्रकार के सभी समारोह प्रेरणा दायक सिद्ध हुए। बड़ी संख्या में अनेक प्रकार की संस्थाओं ने इसमें योगदान दिया। किंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र की संकल्पना यहीं तक सीमित नहीं थी।
उन्होंने इसमें शक्तिशाली व विकसित भारत के विचार को भी शामिल किया। इसमें भारत को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प था। अमृत काल में यह यात्रा भी प्रभावी रूप में आगे बढ़ रही है। गणतंत्र दिवस समारोह में भी इसकी झलक दिखाई दी।
इस बार राजपथ पर आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह अभूतपूर्व था। यह आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित था। पचहत्तर की संख्या राष्ट्रीय गौरव के अनुरूप गूंज रही थी। आत्मनिर्भर भारत का सैन्य प्रदर्शन इसके अनुरूप था। इसके बाद बीटिंग द स्ट्रीट समारोह में भी अमृत महोत्सव की झलक थी। संसद के बजट सत्र की शुरुआत में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सेंट्रल हाल में सांसदों को संबोधित किया। उनके मंच पर भी पचहत्तर का अंक फूलों से सुशोभित था।
राष्ट्रपति ने आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को रेखांकित किया था। उनका कहना था कि सरकार सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास व सबका प्रयास के अनुरूप कार्य कर रही है। इसके अगले दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोक सभा में बजट पेश किया। इसमें भी अमृत महोत्सव व आत्मनिर्भर भारत की पृष्ठभूमि थी। सरकार ने समग्र विकास के साथ भारत को आत्मनिर्भर बनाने के प्रस्ताव किये है।
हाउसिंग,कुकिंग,रोड, हेल्थ केयर और फाइनेंसियल इंक्लूजन पर फोकस है। रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। खेती की लागत में कमी आएगी, जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी। बिगत दो वर्ष में साढ़े पांच करोड़ घरों को नल का पानी उपलब्ध कराया गया था। अब तीन करोड़ अस्सी लाख घरों में नल के पानी के कनेक्शन उपलब्ध कराया जाएगा। मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर बनाने के लिए नौकरी,रेलवे का विकास, आधारभूत संरचना आदि पर विशेष फोकस किया गया है। बजट में महिलाओं एवं युवाओं के साथ किसानों,लघु उद्यमियों व्यापारियों के आदि का पूरा ख्याल रखा गया है।
कोरोना की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अन्य देशों की तुलना में भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह बजट अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाला है। सामान्य मानवी को प्रगति के नए अवसर उपलब्ध होंगे। बजट से बुनियादी ढांचा, निवेश,विकास,रोजगार की दिशा में बढ़ावा मिलेगा। ग्रीन जॉब्स का भी क्षेत्र और खुलेगा। हर गरीब के पास पक्का घर,नल से जल, शौचालय,गैस कनेक्शन उपलब्ध होगा।
आधुनिक इंटरनेट कनेक्टिविटी सुगम होगी। हिमाचल, उत्तराखंड,जम्मू कश्मीर, नॉर्थ ईस्ट,ऐसे क्षेत्रों के लिए पहली बार देश में पर्वतमाला योजना शुरू की जा रही है। ये योजना पहाड़ों पर ट्रांसपोर्टेशन की आधुनिक व्यवस्था का निर्माण करेगी। मां गंगा की सफाई के साथ-साथ किसानों के कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इसके साथ ही उत्तराखंड,उत्तर प्रदेश, बिहार,झारखंड,पश्चिम बंगाल में गंगा किनारे, प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन दिया जाएगा। क्रेडिट गारंटी में रिकॉर्ड वृद्धि के साथ ही कई अन्य योजनाओं का एलान किया गया है। रक्षा क्षेत्र के कैपिटल बजट का अड़सठ प्रतिशत घरेलू उद्योग के लिए सुरक्षित किया गया है। इसका लाभ भारत के सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्योग क्षेत्र को मिलेगा।
किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प आगे बढ़ेगा। कृषि क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा। फसल मूल्यांकन,भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण, कीटनाशकों और पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए किसान ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। सार्वजनिक क्षेत्र के अनुसंधान और कृषि के हितधारकों की भागीदारी के साथ किसानों के लिए पीपीपी मोड में योजना शुरू की जाएगी। तिलहन के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए व्यापक योजना लागू होगी। एग्रो फॉरेस्ट्री करने वाले किसानों को वित्तीय सहायता दी जाएगी। पॉलीसिलिकॉन के लिए उच्च दक्षता वाले मॉड्यूल के निर्माण हेतु वित्तीय प्रावधान किया जाएगा। सरकार सशस्त्र बलों में आत्मानिर्भर भारत को प्रोत्साहन दिया जाएगा। गांवों में ऑप्टिकल फाइबर को बिछाने का काम करीब तीन पूरा कर लिया जाएगा। पूंजीगत खरीद बजट में करीब दस प्रतिशत बढोत्तरी की गई है।
रक्षा क्षेत्र में अनुसंधान और विकास बजट के पच्चीस प्रतिशत के साथ इसे उद्योगों,स्टार्ट अप और शिक्षा जगत के लिये खोला जाएगा। निजी उद्योगों को एसपीवी मॉडल के माध्यम से डीआरडीओ और अन्य संगठनों के सहयोग से सैन्य प्लेटफार्म और उपकरणों के डिजाइन एवं विकास को निष्पादित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। एक स्वतंत्र नोडल अंब्रेला निकाय को व्यापक परीक्षण और प्रमाणन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्थापित किया जाएगा। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।
डिजिटल मुद्रा अधिक कुशल और सस्ती मुद्रा प्रबंधन प्रणाली को भी बढ़ावा देगी। डेटा सेंटर और एनर्जी स्टोरेज सिस्टम जिसमें डेंस चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्रिड स्केल बैटरी सिस्टम आदि को इन्फ्रास्ट्रक्चर की सामंजस्यपूर्ण सूची में शामिल किया जाएगा। यह डिजिटल बुनियादी ढांचे और स्वच्छ ऊर्जा भंडारण के लिए ऋण उपलब्धता की सुविधा प्रदान करेगा। वेंचर कैपिटल और प्राइवेट इक्विटी निवेश को बढ़ाने के लिए उचित उपायों को खोजने और सुझाव देने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन का प्रस्ताव किया गया है। वेंचर कैपिटल और प्राइवेट इक्विटी ने पिछले साल साढ़े पांच लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश कर सबसे बड़े स्टार्ट अप और विकास पारिस्थितिकी प्रणालियों को बढ़ावा दिया है।
क्लाइमेट एक्शन, डीप टेक डिजिटल इकोनॉमी, फार्मा और एग्री टेक जैसे महत्वपूर्ण बढ़ते क्षेत्रों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार मिश्रित वित्त के लिए विषयगत फंड को बढ़ावा देगी। इसमें सरकारी हिस्सेदारी बीस प्रतिशत तक सीमित होगी और फंड का प्रबंधन निजी कोष प्रबंधकों द्वारा किया जाएगा। नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क को प्रगतिशील औद्योगिक आवश्यकताओं के अनुरूप किया जाएगा। ड्रोन एएस ए सर्विस के लिए स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जाएगा। सभी राज्यों के चुनिंदा आईटीआई संस्थानों में कौशल विकास के लिए अपेक्षित पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे। विश्वस्तरीय गुणवत्तापूर्ण सर्वसुलभ शिक्षा देने के लिए एक डिजिटल विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा। यह विभिन्न भारतीय भाषाओं और आईसीटी फॉर्मेट में उपलब्ध कराया जाएगा।
यह विश्वविद्यालय नेटवर्क आधारित हब स्पोक मॉडल पर बनाया जाएगा। जिसमें हब भवन अत्याधुनिक आईसीटी विशेषज्ञता से युक्त होंगे। देश के सर्वश्रेष्ठ सार्वजनिक विश्वविद्यालय और संस्थान हब स्पोक के नेटवर्क के रूप में सहयोग करेंगे। प्रधानमंत्री ई विद्या के वन क्लास वन टीवी चैनल’ कार्यक्रम को बारह टीवी चैनलों से बढ़ाकर दो सौ टीवी चैनलों तक पहुंचाया जाएगा। इससे सभी राज्य छात्रों के लिए अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में अनुपूरक शिक्षा प्रदान कर सकेंगे। विज्ञान और गणित में साढ़े सात सौ वर्चुअल प्रयोगशालाओं और समकालिक शिक्षण परिवेश के लिए पछत्तत स्किलिंग ई लैब्स की स्थापना की जाएगी।इंटरनेट,मोबाइल फोन, टीवी और रेडियो पर डिजिटल शिक्षकों के माध्यम से वहां की बोली जाने वाली भाषा में उच्च गुणवत्ताप्रद ई कंटेंट तैयार कर उस तक पहुंच सुनिश्चित की जाएगी। विश्वस्तरीय विदेशी विश्वविद्यालयों और संस्थानों को जीआईएफटी शहरों में वित्तीय प्रबंधन, फिनटेक विज्ञान,प्रौद्योगिकी इंजीनियरिंग गणित में अपने पाठ्यक्रम चलाने की अनुमति दी जाएगी।
इससे वित्तीय सेवाओं और प्रौद्योगिकी के लिए उच्च स्तर के मानव संसाधन उपलब्ध कराए जा सकेंगे। इस साल फाइव जी स्पेक्ट्रम की नीलामी होगी। फाइव जी सेवाओं से जुड़े उपकरणों को देश में निर्मित करने के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना लाई जाएगी। ग्रामीण व दूरदराज के क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड के भी विस्तार की योजना है। अब मूल रिटर्न फाइल करने के दो वर्ष बाद तक अपडेटेड रिटर्न फाइल किए जा सकेंगे। कॉरपोरेट टैक्स में तीन प्रतिशत की कमी का प्रस्ताव है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर पन्द्रह प्रतिशत टैक्स लगेगा। कॉपोरेटिव सरचार्ज बारह से घटाकर सात प्रतिशत किया जाएगा। राज्य सरकार के कर्मचारियों के सामाजिक सुरक्षा लाभों में मदद करने और उन्हें केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर लाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों की कर कटौती की सीमा दस से बढ़ाकर चौदह प्रतिशत की जाएगी।
आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत युवाओं को सोलह लाख नौकरियां दी जाएंगी। प्रोड्क्शन लिंक्ड इनसेंटिव स्कीम से साठ लाख नई नौकरियों के मौके बनाए जाएंगे। अगले पांच साल में इससे साठ लाख रोजगार के मौके बनेंगे। सरकार इनके अलावा तीस लाख अन्य नौकरियों के अवसर भी तैयार करेगी। स्टार्टअप को भी प्रमोट किया जाएगा। स्पष्ट है कि यह बजट आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूती के साथ आगे बढ़ाएगा। इसमें अंत्योदय,प्रण अंत्योदय,पथ अंत्योदय का विचार समाहित है। भारत की विकास दर सवा नौ प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान है। यह विकास दर बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा है। इस बजट से अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी और देश के विकास को अधिक गति मिलेगी।