विद्यांत हिन्दू पीजी कॉलेज में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जयंती पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसके पहले शिक्षकों व विद्यार्थियों ने सुभाष चन्द्र बोस के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। प्राचार्या प्रो धर्म कौर ने अपने सन्देश में कहा कि महापुरुषों जयंती उनके जीवन से प्रेरणा लेने का अवसर प्रदान करती है।
सुभाष चन्द्र बोस ने अपना पूरा जीवन राष्ट्र के प्रति समर्पित कर दिया था। विद्यार्थियों को उनके व्यक्तित्व व कृतित्व का अध्ययन करना चाहिए। हिंदी के विभागाध्यक्ष डॉ बृजेश कुमार ने कहा कि सुभाष चन्द्र बोस का राष्ट्रधर्म आध्यात्मिक ऊर्जा से भी प्रकाशित था।
वह स्वामी विवेकानंद को अपना आदर्श मानते थे,उनसे बहुत प्रभावित भी थे। वह ऐसे वामपंथी थे जिनका भारतीय संस्कृति धर्म पर विश्वास था। इसके अलावा वह सत्य के अन्वेषक भी थे। वाइस प्रिंसिपल डॉ राजीव शुक्ला ने कहा कि सुभाष चन्द्र बोस राष्ट्रधर्म के महान प्रतीक है। उनके विचार मार्गदर्शन प्रदान करने वाले है। देश में सभी को धार्मिक स्वतंत्रता प्राप्त है।
लेकिन राष्ट्रधर्म सर्वोच्च होता है। इसी प्रकार मातृभूमि का भी कर्ज होता है। देश सेवा के माध्यम से हमको अपने कर्तव्य का निर्वाह करना चाहिए। डॉ. नरेंद्र सिंह ने कहा कि सुभाष चन्द्र बोस ने जाति मजहब से ऊपर उठकर राष्ट्र सेवा का सन्देश दिया।
उनके विचार आज भी प्रासंगिक है। आज समाज के भेदभाव समाप्त कर देश को शक्तिशाली बनाया जा सकता है। संगोष्ठी में विद्यांत हिन्दू पीजी कॉलेज के अलावा विद्यांत इंटर व विद्यांत प्रायमरी के शिक्षक व विद्यार्थी सम्मलित रहे।