देश आज सुभाष जयंती को “पराक्रम दिवस” के तौर पर मना रहा है। लखनऊ को भी नेता जी के पराक्रम और देश के प्रति उनके बलिदान पर गर्व है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में लखनऊ के क्रांतिवीरों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था। उसमें से एक हैं, काकोरी काण्ड के महान क्रांतिकारी रामाकृष्ण खत्री जी। बताया जाता है कि सुभाष चन्द्र बोस द्वारा बनाये गये फारवर्ड ब्लाक के संस्थापक सदस्य रामाकृष्ण खत्री ने 1940 में नेता जी सुभाष चंद्र बोस का लखनऊ दौरा करवाया था। रामाकृष्ण खत्री यूपी फार्रवर्ड ब्लाक के महासचिव और ऑल इंडिया फारर्वड ब्लाक की कार्यकारिणी सदस्य भी थे।
इस संबंध में शहीद स्मृति समारोह समिति के महामंत्री उदय खत्री का कहना है कि लखनऊ दौरे के दौरान अमीनाबाद के घंटाघर पार्क में विराट सभा को भी सुभाष जी ने सम्बोधित किया था। इस दौरान भारी संख्या में युवा यहां जुटे थे।
इससे पहले 20 नवम्बर 1938 को कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद नेता जी सुभाष चंद्र बोस लखनऊ के हीवेट रोड स्थित बंगाली क्लब आये थे। उनको बंगाली क्लब और युवक समिति ने अभिनन्दन पत्र देने के लिये आमंत्रित किया था। लखनऊ पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया था। उस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष का पद देश के लोगों में सर्वोपरि पद माना जाता था।
बंगाली क्लब के वर्तमान अध्यक्ष अरुण बनर्जी कहते हैं कि 82 साल बाद भी सुभाष चंद्र बोस को दिये गये अभिनन्दन पत्र की प्रतिलिपि और क्लब के सदस्यों के साथ खिंचवाई गई फोटो को काफी सहेज कर क्लब ने अपने पास रखा है। अभिनन्दन पत्र बंगाली भाषा में है और उसमें सुभाष जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला गया है।
बताया जाता है कि उस समय सुभाष चंद्र बोस के स्वागत के लिये राजधानी में खूब तैयारियां की गई थीं। क्लब परिसर में आयोजित सम्मान समारोह में सुभाष चंद्र बोस ने युवाओं को संबोधित किया था और अपने विचारों को उनके सामने रखा था।