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अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से दिया इस्तीफा

जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से इस्तीफा दे दिया है. एक ओडियो मैसेज जारी करते हुए गिलानी ने कहा कि उन्होंने अपने फैसले के बारे में सभी तो बता दिया है. उन्होंने कहा कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के मौजूदा हालात को देखते हुए उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया है.

एक छोटे से ऑडियो मैसेज में गिलानी ने कहा, हु्र्रियत कॉन्फ्रेंस के मौजूदा हालात को देखते हुए मैंने हुर्रियत के सारे फॉर्म से अलग होने का फैसला किया है. फैसले के बारे में हुर्रियत के सारे लोगों को चिट्ठी लिखकर कर सूचना दे दी गई है.  बता दें कि 90 साल के अलगाववादी नेता गिलानी की सेहत पिछले कुछ महीनों से ठीक नहीं चल रही थी. इस साल फरवरी में उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती भी कराया गया था. कई बार उनकी तबीयत को लेकर अफवाहें भी उड़ाई गई थी. हालांकि वे बाद में ठीक हो गए थे.

अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी हमेशा विवादों में रहे हैं. साल 2014 में उन्होंने कहा था कि कश्मीर भारत का आंतरिक मुद्दा नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है. गिलानी और कुछ दूसरे हुरियत नेताओं के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने लश्कर-ए-तैयबा से कथित तौर पर फंड लेने पर मामले में जांच भी की थी. गिलानी पर आरोप था कि उन्‍होंने जम्मू एवं कश्मीर में विध्‍वसंक गतिविधियों के लिए ये पैसे लिए.

पिछले साल अप्रैल में गिलानी के खिलाफ आयकर विभाग ने बड़ी कार्रवाई की थी. उनके दिल्ली स्थित फ्लैट को जब्त कर लिया गया. गिलानी का ये आवास दिल्‍ली के मालवीय नगर स्थित खिड़की एक्‍सटेंशन में है. इनकम टैक्स का आरोप है कि गिलानी ने 1996-97 और फिर 2001-02 के बीच कोई टैक्स नहीं भरा. आईटी डिपार्टमेंट के मुताबिक गिलानी पर 3.62 करोड़ से ज़्यादा का टैक्स बकाया था. साल 2018 में पवर्तन निदेशालय (ED) ने सैयद अली शाह गिलानी पर 14.40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. करीब 6.88 लाख रुपये कुर्क किए गए थे. गिलानी पर अवैध तरीके से विदेशी मुद्रा रखने का आरोप था.

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