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‘विमेन एंड लैंग्वेज पॉलिटिक्स’ विषय पर सात दिवसीय फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का शुभारंभ

महिला संसार की श्रेष्ठ प्राणी है, उसे अपने प्राकृतिक गुणों को संजोते हुए, पितृसत्तात्मक समाज की मानसिकता को बदल सकती है।- प्रो.विकास शर्मा 

वाराणसी। पर्यटन अध्ययन संस्थान, महिला सशक्तिकरण प्रकोष्ठ महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ एवं अटल इनक्यू की ओर से, बुधवार को, सात दिवसीय फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम कम वर्कशॉप का शुभारंभ किया गया।

विश्वविद्यालय परिसर स्थित पर्यटन, अध्ययन संस्थान के सभागार में आयोजित, इस प्रोग्राम का विषय ‘विमेन एंड लैंग्वेज पॉलिटिक्स’ रखा गया है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के पूर्व निदेशक प्रो. ओ. पी. सिंह ने की। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में उन्होंने, भाषा के वैज्ञानिक पक्ष की चर्चा की और भारत में भाषा की संस्कृति पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भाषा में विकृति तभी आती है जब हम समाज के विसंगतियों के संपर्क में आते हैं। अन्यथा भारत बड़ी ही समृद्धि शाली भाषा की परंपरा से परिचित और परिपूर्ण रहा है।

‘विमेन एंड लैंग्वेज पॉलिटिक्स’ विषय पर सात दिवसीय फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का शुभारंभ

मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में विश्वास राव उपस्थित थे, जो सेक्रेटरी जनरल उत्तर प्रदेश बॉडीबिल्डिंग एंड फिटनेस एसोसिएशन तथा एसोसिएट सेक्रेटरी ऑफ इंडियन बॉडीबिल्डिंग फेडरेशन के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने अपने वक्तव्य में फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम की शीर्षक पर फोकस करते हुए खेल के क्षेत्र में महिलाओं की अहम भूमिका है| उन्होंने कहा कि भाषा द्वारा ही महिलाओं के आत्मबल और मनोबल को बढ़ाकर उन्हें ऊचांइयों तक पहुँचाया जा सकता है।

विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष एवं प्रख्यात कवि एवं उपन्यासकार प्रोफेसर विकास शर्मा ने बताया कि महिला संसार की श्रेष्ठ प्राणी है, उसे अपने प्राकृतिक गुणों को संजोते हुए, पितृसत्तात्मक समाज की मानसिकता को बदल सकती है। उन्होंने बताया कि संसाधन रहित निम्न वर्ग की महिलाओं के बारे में भी सोचना चाहिए।

कुलसचिव डॉ सुनीता पांडे ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षित महिला से ही देश का चहुंमुखी विकास संभव है| उद्घाटन समारोह में छात्र-छात्राओं द्वारा एक नाटक का प्रदर्शन किया गया जिसका शीर्षक था ‘Why Only We’।

इस छोटे से प्रदर्शन के माध्यम से उन्होंने समाज में महिलाओं के प्रति सोच पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह उठाते हुए इस विषय पर चिंतन करने हेतु बाध्य किया। उक्त कार्यक्रम में विकास शर्मा सर की दो अंग्रेजी उपन्यासों ‘Hope against Hope’, और ‘Ashes and Fire’ का विमोचन भी किया गया। साथ ही, प्रो शर्मा ने अपनी स्वरचित कविताओं का पाठ भी किया।

यह कार्यक्रम 6 अप्रैल 2022 से 13 अप्रैल 2022 तक आयोजित होना है। इसके अंतर्गत, देश के विभिन्न भागों से प्रतिभागी एवं वक्ता उपरोक्त विषय पर अपने विचार एक दूसरे से साझा करेंगे। वर्तमान समय में, जबकि समस्त सरकारी एवं सामाजिक तंत्र का विशेष ध्यान आधी आबादी के उत्थान एवं विकास के साथ-साथ उसके सशक्तिकरण एवं समाज में उसके अस्तित्व को सशक्त रूप से स्थापित करने पर है।

इस विषय की सार्थकता सर्व सिद्ध हो जाती हैं। कार्यक्रम का संचालन पर्यटन अध्ययन संस्थान की सहायक निर्देशिका डॉ किरण सिंह ने किया। अतिथियों का स्वागत संस्थान के कार्यकारी निदेशक डॉ निशा सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन संस्थान की शिक्षिका डॉ ज्योतिमां ने किया।समस्त कार्यक्रम का आयोजन संस्थान की निर्देशिका डॉक्टर नीरज धनकड़ के निर्देशन में किया गया।

कार्यक्रम के आयोजन में संस्थान के शिक्षकों एवं कर्मचारियों की सक्रिय सहभागिता रही | उक्त कार्यक्रम में कुलसचिव डॉ सुनीता पांडे के अतिरिक्त विभिन्न विभागों,संकायों के संकाय अध्यक्ष ,विभागाध्यक्ष, शिक्षकों ,छात्र-छात्राओं एवं प्रतिभागी शिक्षकों एवं शोध छात्रों की सराहनीय उपस्थिति रही।

रिपोर्ट – जमील अख़्तर

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