बदायूं से सपा प्रत्याशी शिवपाल यादव ने बदायूं को लेकर एक्स पर पोस्ट की है। उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार से बदायूं में जनसंपर्क यात्रा पर हूं। मन में बदायूं से जुड़े ढ़रों किस्से और यादें हैं। सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव (चाचा) को बदायूं सीट के लिए 22 फरवरी को उम्मीदवार घोषित किया था।
वह 21 दिन तक नहीं आए। हालांकि स्वास्थ्य ठीक न होने का हवाला देकर वह बदायूं नहीं आए। जिसके बाद में उनके चुनाव की कमान उनके बेटे आदित्य को सौंपी गई थी।
उनका कार्यक्रम दो बार तय होने के बाद रद्द हो गया था। इसकी वजह से चाचा के टिकट को लेकर जिले में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई थी। यहां तक की टिकट बदलने तक की चर्चाएं होने लगी थीं। लेकिन शिवपाल यादव ने उन चर्चाओं पर बृहस्पतिवार सुबह विराम लगा दिया।
शिवपाल सिंह यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट की। जिसमें उन्होंने कहा कि आज से बदायूं में जनसंपर्क यात्रा पर हूं, इस क्षेत्र से दशकों पुराना आत्मीय रिश्ता, मन में बदायूं से जुड़े ढेरों किस्से और यादें हैं।
आज से बदायूं लोकसभा क्षेत्र में जनसम्पर्क हेतु यात्रा पर हूं।
मेरा इस क्षेत्र से दशकों पुराना आत्मीय रिश्ता है।
मन में बदायूं से जुड़े ढेरों किस्से और यादें हैं।शकील बदायूनी साहब के शब्दों में…
कैसे कह दूँ कि मुलाक़ात नहीं होती है,
रोज़ मिलते हैं मगर बात नहीं होती है।— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) March 14, 2024
अपनी इस पोस्ट में शकील बदायूंनी की एक शायरी भी लिखी है।
कैसे कह दूं कि मुलाकात नहीं होती हैं,
रोज मिलते हैं मगर बात नहीं होती है।
उनके भतीजे दो बार रहे बदायूं से सांसद
बदायूं सीट सपा की परंपरागत सीट मानती जाती है। क्योंकि वर्ष 1996 से 2009 तक यह सीट लगातार छह बार सपा के कब्जे में रही है। हालांकि 2019 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी संघमित्रा मौर्य से सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव को हार का सामना करना पड़ा था। अब शिवपाल सिंह यादव फिर से बदायूं सीट सपा को दिलाने के लिए मैदान में उतरे हैं।