शादी के बाद ससुराल में ननद ही भाभी की पहली सहेली होती है। इसलिए ननद और भाभी का रिश्ता खट्टे-मीठे अहसासों से जुड़ा होता है। यह रिश्ता कभी बहन होने का अहसास कराता है तो कभी मां, जो स्नेह से परिपूर्ण है। अब दोस्ती है तो घूमना-फिरना भी होगा। ऐसे में यह अनुभव आपके लिए या तो बहुत अच्छा हो सकता है या फिर बहुत बुरा, क्योंकि यात्रा का आनंद लेने के लिए अच्छे तालमेल का होना बहुत जरूरी है। आप कुछ बातों का ध्यान रखकर अपनी इस यात्रा को सुखद और रिश्ते को मजबूत बना सकती हैं।
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खुले मन से बात
ननद के साथ अच्छे संबंध बनाने के लिए सबसे जरूरी है कि आप उनसे खुलकर बात करें। यात्रा से पहले और उसके दौरान आप दोनों का आपस में एक-दूसरे की पसंद-नापसंद और इच्छाओं के बारे में बात करना जरूरी है। इससे दोनों के बीच की समझ बढ़ेगी और यात्रा के दौरान आप अनावश्यक तनाव से बचकर एन्जॉय कर पाएंगी।
मिलकर बनाएं योजना
घूमने की योजना बनाने से पहले आप दोनों एक-दूसरे की पसंद के अनुसार, जगहों और गतिविधियों का चयन करें। यदि कोई विशेष स्थान या गतिविधि पसंद है तो उसे अपनी योजना में शामिल करें, ताकि उन्हें पता चल सके कि आप उनकी इच्छाओं का सम्मान करती हैं। साथ ही आप यह भी सुनिश्चित करें कि दोनों की ही रुचियों का ध्यान रखा जाए। इससे कोई भी यह महसूस नहीं करेगा कि उसकी इच्छाओं को नजरअंदाज किया जा रहा है।
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सेहत और सुरक्षा
यात्रा के दौरान ऐसी जगह का चुनाव करें, जहां आप दोनों को आराम मिले। इस दौरान आप सुरक्षा का भी ध्यान रखें और अनजान जगहों पर न जाएं। साथ ही स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों के लिए दवाएं और पट्टी जैसी चीजें हमेशा अपने साथ रखें।
छोटे-छोटे समझौते
यात्रा के दौरान छोटी-मोटी बहस होना आम है। ऐसे में अपनी जिम्मेदारी को समझें और हर छोटी बात पर बहस करने के बजाय समझौता कर आगे बढ़ें। यदि किसी बात पर आप दोनों की राय अलग है तो मिलकर एक समाधान निकालें, ताकि आपकी यात्रा और संबंधों को नुकसान न हो। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर उनकी मदद करें, फिर चाहे वह आर्थिक मदद क्यों न हो।